

फतेहपुर के कौंडर गांव में जल जीवन मिशन के तहत बनी पानी की टंकी पिछले 15 दिनों से बंद है। मोटर का स्टार्टर फुंक जाने से गांव की 3,500 आबादी पेयजल संकट झेल रही है। लोग हैंडपंप और कुओं पर निर्भर हैं, प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की जा रही है।
पानी की किल्लत से परेशान लोग
Fatehpur: फतेहपुर जिले के असोथर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले कौंडर गांव में जल जीवन मिशन के तहत बनी पानी की टंकी पिछले 15 दिनों से बंद पड़ी है। टंकी की मोटर का स्टार्टर फुंक जाने के कारण गांव में पानी की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो चुकी है, जिससे करीब 3,500 लोगों की आबादी गंभीर पेयजल संकट से जूझ रही है।
गांव के लोगों का कहना है कि टंकी से पानी आना पूरी तरह बंद हो गया है। ग्रामीण रामप्रकाश सिंह ने बताया, “अब हमें कुओं और हैंडपंपों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। वहां भी इतनी भीड़ होती है कि एक बाल्टी पानी भरने में घंटों लग जाते हैं।” गृहिणी सावित्री देवी ने बताया कि “सुबह से शाम तक पानी के लिए भटकना पड़ता है। बच्चों को समय से स्कूल भेजना मुश्किल हो गया है, क्योंकि पहले पानी लाना होता है।”
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ग्राम प्रधान प्रतिनिधि पी.के. गुप्ता ने बताया कि टंकी की मोटर में एक विशेष प्रकार की चिप लगी है, जिसे सामान्य मिस्त्री नहीं सुधार सकता। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विभाग को सूचित किया गया है और जल्द ही तकनीकी टीम द्वारा मरम्मत की उम्मीद है।
प्रतीकात्मक छवी (फोटो सोर्स गूगल)
गांव की महिला सीमा देवी ने चिंता जताई कि यदि समय पर समाधान नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में, खासकर बढ़ती गर्मी के बीच, यह स्थिति और विकराल हो सकती है। एक अन्य ग्रामीण राजेश कुमार ने कहा, “जिस टंकी से गांव को राहत मिलनी थी, वह अब सिरदर्द बन चुकी है।”
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असोथर के ज्वाइंट विकासखंड अधिकारी कमलेश कुमार ने बताया कि उन्हें समस्या की जानकारी है और विभाग को निर्देश दे दिए गए हैं। “आवश्यकता पड़ने पर विभागीय इंजीनियरों की टीम भेजकर मोटर की तकनीकी खराबी दूर कराई जाएगी।”
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत लगाई गई ऐसी आधुनिक मोटरों की नियमित जांच और समय पर मरम्मत के लिए एक विशेष तकनीकी दल तैनात किया जाए, जिससे भविष्य में गांव को इस तरह की परेशानी न झेलनी पड़े। पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा का संकट किसी भी गांव के लिए बड़ी समस्या है। कौंडर गांव की स्थिति शासन-प्रशासन के लिए चेतावनी है कि मिशन सिर्फ निर्माण तक सीमित न रहे, बल्कि रखरखाव पर भी गंभीरता से ध्यान दिया जाए।
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