

सिसवा रेलवे स्टेशन के दुकानदार से जीआरपी के पुलिस द्वारा रंगदारी वसूलने का बड़ा आरोप लगा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
सिसवा रेलवे स्टेशन
महराजगंज: यूपी के महराजगंज के सिसवा रेलवे स्टेशन पर खान-पान का स्टॉल चलाने वाले एक वेंडर ने जीआरपी पडरौना के उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल और एक प्राइवेट व्यक्ति पर रंगदारी वसूलने और 10 हजार रुपये छीनने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित वेंडर ने इस मामले की शिकायत प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से करते हुए निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, मूल रूप से कुशीनगर जिले के खड्डा निवासी सोहेल नामक व्यक्ति सिसवा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर 'वैष्णवी इंटरप्राइजेज' नाम से खानपान का स्टॉल संचालित करता है। शनिवार को सोहेल ने डीजीपी को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि जीआरपी पडरौना में तैनात उपनिरीक्षक मनोज यादव, एक हेड कांस्टेबल और उनके साथ एक प्राइवेट व्यक्ति नियमित रूप से उससे रंगदारी मांगते हैं। पीड़ित वेंडर ने जबरन दस हजार रुपये लेने का भी आरोप लगाया है।
पीड़िते ने आरोपियों के खिलाफ की शिकायत
पीड़ित के शिकायत के मुताबिक, 23 मई को जब वह सत्याग्रह एक्सप्रेस से सिसवा स्टेशन पर स्थित अपने स्टॉल की ओर लौट रहा था, तब तीनों आरोपितों ने उसे एसी कोच में बुलाया। सोहेल का आरोप है कि कोच में बातचीत के दौरान तीनों ने उसकी जेब से जबरन 10 हजार रुपये निकाल लिए और धमकी दी कि अगर वह इस बारे में किसी से शिकायत करेगा, तो उसके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा।
मानसिक और आर्थिक शोषण के खिलाफ उठाई आवाज़
वेंडर का कहना है कि लंबे समय से इन अधिकारियों द्वारा मानसिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है। जब वह अब और सहन नहीं कर पाया, तो उसने उच्चाधिकारियों से शिकायत करने का निर्णय लिया। डीजीपी को भेजे गए पत्र में सोहेल ने पूरे घटनाक्रम का विवरण देते हुए संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग की है।
उपनिरीक्षक ने खारिज किए सभी आरोप
दूसरी तरफ, इस मामले में जब जीआरपी पडरौना के उपनिरीक्षक मनोज यादव से संपर्क किया गया, तो उन्होंने वेंडर द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह एक बेबुनियाद और निराधार आरोप है, जिसकी सच्चाई जांच में ही सामने आएगी। फिलहाल, यह मामला जांच के दायरे में है।