

खेरागढ़ के कुसियापुर गांव में दुर्गा विसर्जन के दौरान 11 युवक ऊंटगन नदी में डूब गए। रेस्क्यू अभियान में देरी पर गुस्साए ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। प्रशासन ने मामले में तेजी से कार्रवाई शुरू की और 3 युवकों को गंभीर हालत में बचाया।
आगरा में बड़ा हादसा
Agra: आगरा के खेरागढ़ क्षेत्र में गुरुवार दोपहर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें कुसियापुर गांव के 11 युवक ऊंटगन नदी में डूब गए। यह घटना उस समय हुई जब ये युवक गांव में आयोजित दुर्गा महोत्सव के बाद देवी मूर्ति को विसर्जन करने के बाद नदी में नहाने उतर गए। नदी में तेज़ बहाव और गहरी गहराई के कारण युवक डूब गए।
घटना के बाद आसपास के ग्रामीणों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन नदी की गहराई और बहाव के कारण उनके प्रयास असफल रहे। सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन को घटना के बारे में बताया गया। इसके बावजूद रेस्क्यू अभियान में देरी होने पर ग्रामीणों में गुस्सा था। उनका कहना था कि अगर समय पर रेस्क्यू टीम पहुंचती, तो युवकों की जान बचाई जा सकती थी।
आगरा में बड़ा हादसा
रेस्क्यू टीम की देरी से परेशान ग्रामीणों ने खेरागढ़ से बसई नवाब जाने वाले मार्ग पर जाम लगा दिया। उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई और इस घटना को लेकर तत्काल कार्रवाई की मांग की। जाम के दौरान अधिकारियों की टीम भी मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने घटना पर संज्ञान लिया और रेस्क्यू ऑपरेशन को तेज करने के आदेश दिए।
घटना के बाद बड़ी संख्या में लोग नदी के किनारे इकट्ठा हो गए थे। ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने तीन युवकों को गंभीर हालत में बाहर निकाला। उन्हें तत्काल एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा भेजा गया, जहां उनकी हालत पर नजर रखी जा रही थी। इन युवकों की जान बचाने की कोशिशें जारी थीं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी और घटनास्थल पर भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि आगे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और समय पर रेस्क्यू कार्रवाई की जा सके।
नदी का पानी तेज़ बहाव और गहरा था, जिसके कारण युवक बाहर नहीं निकल सके। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि अगर नदी के आसपास सुरक्षा इंतजाम होते तो इस तरह की दुर्घटना से बचा जा सकता था। इसके अलावा, समय पर सही दिशा में रेस्क्यू टीम का पहुंचना भी जीवन बचाने के लिए अहम था।