

महोबा की पनवाड़ी ग्राम पंचायत में मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी सामने आई है। वार्ड 13 के मकान नंबर 996 में 185 और 997 में 243 मतदाता दर्ज हैं, जबकि वास्तव में कुछ ही लोग निवास करते हैं। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और सुधार की प्रक्रिया जारी है।
महोबा में Election Fraud का खुलासा
Mahoba, Uttar Pradesh: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियों के तहत चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य के दौरान महोबा जिले की पनवाड़ी ग्राम पंचायत में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। यहां वार्ड संख्या 13 के कुछ मकानों में सैकड़ों फर्जी या असंगत नाम दर्ज पाए गए हैं, जिससे न केवल स्थानीय लोग हैरान हैं, बल्कि निर्वाचन आयोग की प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मकान नंबर 997 में 243 मतदाताओं के नाम दर्ज हैं, जबकि ठीक सामने स्थित मकान नंबर 996 में 185 नाम शामिल हैं। इसके अलावा मकान नंबर 1702 में भी 29 मतदाता सूचीबद्ध हैं। ये आंकड़े उस वक्त सामने आए जब बीएलओ द्वारा मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जा रहा था।
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बीएलओ द्वारा मतदाता सूची दिखाए जाने पर मकान नंबर 996 के स्वामी रविन्द्र कुमार अहिरवार चौंक गए। उन्होंने बताया कि इस मकान में उनके परिवार के कुल सिर्फ 6 सदस्य रहते हैं, जबकि सूची में 185 नाम दर्ज हैं। वहीं, उनके चाचा संतोष अहिरवार के मकान (नं. 997) में केवल 2 ही मतदाता रहते हैं, लेकिन सूची में 243 लोग दर्ज हैं। रविन्द्र ने सवाल उठाया कि इतने लोगों को उनके घर से जोड़ना कहां तक उचित है?
Election Fraud! उत्तर प्रदेश के महोबा में मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी सामने आई है। एक ही मकान में 243 मतदाता दर्ज, जबकि वास्तविक संख्या काफी कम है। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उठ रहे सवाल। #Mahoba #ElectionFraud #UPNews pic.twitter.com/phY5cxbCa7
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 16, 2025
स्थानीय सभासद बबलू और ग्रामीण राकेश कुमार ने भी इस त्रुटि पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह सिर्फ गिनती की गलती नहीं है, बल्कि गंभीर प्रशासनिक लापरवाही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति बाहुल्य इस वार्ड में ब्राह्मण और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं को भी अनुसूचित जाति परिवारों के मकानों से जोड़ दिया गया, जो सामाजिक और प्रशासनिक दोनों ही स्तर पर चिंता का विषय है।
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इस पूरे मामले में जिम्मेदार बीएलओ जयप्रकाश वर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि जब वह वार्ड 13 के मोहल्ला बजनापुरा में पुनरीक्षण कार्य कर रहे थे, तभी यह गड़बड़ी सामने आई। उन्होंने इसे गंभीर मानते हुए उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट सौंप दी है। उनका कहना है कि यह त्रुटि आयोग के रिकॉर्ड में पहले से दर्ज है और अब उसे सही करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी आरपी विश्वकर्मा ने बताया कि बीएलओ द्वारा की गई जांच के आधार पर गड़बड़ी की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन से पहले संबंधित मकान नंबरों को ‘क’, ‘ख’, ‘ग’ आदि में विभाजित कर सुधार किया जाएगा, ताकि वास्तविक मतदाताओं की पहचान हो सके।
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इस गड़बड़ी ने एक बार फिर से चुनावी तैयारियों की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। वार्डवासियों ने निर्वाचन आयोग से मामले की गहराई से जांच की मांग की है। अब देखना यह है कि आयोग इस पर कितनी जल्दी कार्रवाई करता है और भविष्य में ऐसी त्रुटियों को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।