हिंदी
रायबरेली के जिन उद्यमियों की पिछले 3 वर्षों से अधिक समय से इकाई कार्यरत है उनके लिये अब अपनी इकाई में तकनीकी उन्नयन किया जा सकेगा। पढिये पूरी खबर
रायबरेली: उपायुक्त उद्योग परमहंस मौर्य ने द्वारा कहा गया है कि जनपद रायबरेली के जिन उद्यमियों का पिछले 3 वर्षों से अधिक समय से इकाई कार्यरत उनके लिये अब अपनी इकाई में तकनीकी उन्नयन (टेक्नोलाजी अपग्रेडेशन) किया गया है। इसके जरिये उत्पाद गुणवत्ता सुधार, पर्यावरण सुधार, ऊर्जा दक्षता और गुणात्मक पैकेजिंग को बढ़ावा मिल सके और इसके लिये नई मशीने खरीदकर स्थापित की गयीं हों तो वह ऐसी इकाइयों को नई मशीनों की कुल कीमत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रूपये विभाग द्वारा प्रतिपूर्ति दी जायेगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार साथ ही क्रय की गयी मशीनों और उपकरणों पर वित्तीय निगम या बैंकों से ऋण लिये जाने की दशा में वित्तीय संस्थाओं को देय व्याज की आंशिक प्रतिपूर्ति करते हुये उपादान देय होगा। उद्यमी द्वारा मात्र तकनीकी उन्नयन के कार्यों हेतु तैयार की गयी परियोजना पर बैंक द्वारा सुलभ कराये गये ऋण में से पूँजी उपादान की धनराशि घटाते हुये अवशेष धनराशि व्याज उपादान हेतु अर्ह धनराशि होगी। उक्त अवशेष धनराशि पर आगणित व्याज का 50 प्रतिशत व्याज उपादान की रूप में दिया जा सकेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 01 लाख (प्रतिवर्ष) होगी। यह सुविधा 05 वर्ष तक दी जायेगी। इकाई में विस्तारीकरण के कार्य तकनीकी उन्नयन में सम्मिलित नहीं माने जायेंगें ।
उन्होंने बताया कि इस कार्य हेतु निम्न प्रपत्रों जैसे इकाई का उद्यम पंजीकरण, इकाई में स्थापित पूर्व की मशीनरी का व्योरा (लेटर हेड पर), कय की गयी मशीनों के बिल की कापी, मशीनों के बिल भुगतान के सम्बन्ध में बैंक का प्रमाण-पत्र एवं बैंक खाते का स्टेटमेन्ट आवश्यक है। मशीनों का कैश पेमेन्ट नहीं होना चाहिए, इकाई की विगत 03 वर्षों की भौतिक व वित्तीय प्रगति हेतु वैलेंसशीट सीए द्वारा प्रमाणित, इकाई के पार्टनर की दशा में पार्टनरशिप डीड की कापी एवं कम्पनी की दशा में मेमोरेण्डम आफ आर्टिकल व कम्पनी का प्रमाण-पत्र, जमीन के प्रपत्र या किराये की दशा में किरायानामा की कापी सहित आवेदन-पत्र कार्यालय-उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, रायबरेली को आनलाईन उपलब्ध करायें।