सरकार की चुप्पी से भड़का जनता का गुस्सा, देहरादून की ओर कूच कर रहे आंदोलनकारी

स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के खिलाफ चल रहा ‘ऑपरेशन स्वास्थ्य आंदोलन’ और तेज हो गया है। 23 दिन से जारी भूख हड़ताल के बीच आंदोलनकारियों ने देहरादून कूच पदयात्रा शुरू की। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें ये खबर

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 25 October 2025, 6:09 PM IST
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Dehradun: स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा से नाराज लोगों का गुस्सा अब सड़कों पर उतर आया है। शुक्रवार को ऑपरेशन स्वास्थ्य आंदोलन के तहत बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने देहरादून कूच पदयात्रा की शुरुआत की। सुबह आरती घाट से जब नारेबाजी के साथ रैली निकली तो पूरा इलाका डॉक्टर दो, अस्पताल बचाओ और धामी सरकार होश में आओ जैसे नारों से गूंज उठा।

गांव-गांव से पहुंचे सैकड़ों लोगों ने नगर में विशाल आक्रोश रैली निकालकर सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। आंदोलनकारियों ने कहा कि जनता अब बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार है।

23 दिन से जारी अनशन

दो अक्टूबर से चल रहे आमरण अनशन को 23 दिन बीत चुके हैं, पर सरकार की ओर से कोई ठोस कदम न उठाने से लोगों का सब्र टूट गया। इसी के विरोध में आंदोलन के मुखिया भुवन कठायत की अगुआई में देहरादून कूच पदयात्रा शुरू की गई।

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बुधवार सुबह मातृशक्ति, युवाओं और बुजुर्गों की बड़ी संख्या आरती घाट पर एकत्र हुई। नारों और जनगीतों के बीच जब रैली रवाना हुई, तो आंदोलनकारियों का जगह-जगह फूलमालाओं से स्वागत हुआ।

रैली नगर से होते हुए जमणियां-रामपुर तक पहुंची, जहां से पदयात्री मैहलचौरी-गैरसैंण के लिए निकल पड़े। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट कहा कि यदि मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो संघर्ष और उग्र होगा। रात का पड़ाव गैरसैंण में तय किया गया है।

कौन-कौन बने आंदोलन का हिस्सा

आंदोलन और रैली में बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नेता शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से भुवन कठायत, पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, पीसी तिवारी, जीवन नेगी, नरेंद्र बिष्ट, कैलाश पांडे, मीना कांडपाल, गीता कठायत, दान सिंह कुमयां, अशोक कुमार, गोबिंद सती आदि शामिल रहे।

महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। सरस्वती किरौला, संतोषी वर्मा, भावनारौतेला, कांता रावत जैसी जनप्रतिनिधियों ने आंदोलन के समर्थन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। रैली में युवा, किसान, व्यापारी और छात्र भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

जनता का आक्रोश सड़क पर (सोर्स- एक्स)

भूख हड़ताल जारी

आरती घाट पर आंदोलन और भूख हड़ताल यथावत जारी है। बुधवार को नारायण मेहरा पांचवें दिन और प्रधान मनोहर दत्त देवतला दूसरे दिन आमरण अनशन पर बैठे रहे। वहीं बीरेंद्र बजेठा, बीसी जोशी, हीरा देवी, तुलसी देवी, प्रधान चंपा देवी और भागुली देवी क्रमिक धरने में शामिल हुए।

अब तक 16 लोग आमरण अनशन पर बैठ चुके हैं, जिनमें से 14 को पुलिस उठा चुकी है। बावजूद इसके आंदोलन की गति धीमी नहीं हुई है। मासी, कठायत और आसपास के क्षेत्रों से लगातार लोग समर्थन देने पहुंच रहे हैं।

सरकार पर असर

लगातार बढ़ते आंदोलन का असर अब प्रशासन पर दिखने लगा है। शुक्रवार को दो विशेषज्ञ चिकित्सक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में पहुंचे हैं। प्रभारी डॉ. अमित रतन सिंह ने बताया कि इनकी विधिवत तैनाती की प्रक्रिया शनिवार तक पूरी हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि पहले भी एक एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति की जा चुकी है। आंदोलन के दबाव में सीएचसी की ईसीजी मशीन अब चालू हो गई है और मरीजों को इसका लाभ मिलने लगा है। वहीं उप जिला चिकित्सालय की स्वीकृति मिलने के बाद भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

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इन बदलावों ने आंदोलन को नई ऊर्जा दी है, हालांकि आंदोलनकारी कहते हैं कुछ डॉक्टरों की तैनाती से बात नहीं बनेगी, जब तक संपूर्ण स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं सुधरती, आंदोलन जारी रहेगा।

सरकार के लिए चेतावनी

आंदोलनकारियों का कहना है कि यह लड़ाई केवल डॉक्टरों की तैनाती की नहीं, बल्कि पूरे ग्रामीण चिकित्सा ढांचे के पुनर्गठन की है। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए तो आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।

लोगों ने एक स्वर में कहा, “जनता अब खामोश नहीं बैठेगी, स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करो, वरना हम देहरादून ही नहीं, विधानसभा तक घेराव करेंगे।”

Location : 
  • Dehradun

Published : 
  • 25 October 2025, 6:09 PM IST