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पुलिस ने हरियाणा और दिल्ली से जुड़े एक टप्पेबाज गैंग का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह में 5 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल थे, जो ई-रिक्शा पर सवारियों को निशाना बनाते थे। गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस ने लूटा गया सामान और एर्टिगा कार बरामद किया।
टप्पेबाजी में पकड़ा गया हरियाणा का गैंग
Raebareli: शहर में पिछले कुछ दिनों से हो रही टप्पेबाजी की वारदातों ने पुलिस को सतर्क कर दिया था। लगातार एक जैसे तरीके से हो रही घटनाओं ने पुलिस को यह अंदेशा दिया कि यह कोई संगठित गिरोह का काम है। पुलिस की तफ्तीश में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। हरियाणा से संचालित एक महिला-पुरुष मिश्रित गैंग रायबरेली में सक्रिय था। इस गैंग की महिलाएं ई-रिक्शा में बच्चे के साथ सवार होकर सवारियों को झांसे में लेकर जेवर या पर्स चोरी करती थीं।
लगातार बढ़ती घटनाओं से परेशान सीओ सदर ने विशेष टीम का गठन किया। कोतवाली पुलिस, एसओजी और सर्विलांस यूनिट की संयुक्त टीम को निर्देश दिया गया कि हर एंगल से जांच की जाए। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए और तकनीकी साधनों के जरिए संदिग्धों की लोकेशन और मूवमेंट का पता लगाया गया।
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पुलिस ने बताया कि यह गैंग एर्टिगा कार में महिलाओं को लेकर शहर के व्यस्त बाजारों में आता था। पुरुष सदस्य कार में ही इंतजार करते रहते थे, जबकि महिलाएं भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे बस अड्डा, बाजार, रेलवे स्टेशन आदि पर उतरती थीं। वे सवारियों से भरे ई-रिक्शा पर बच्चे के साथ बैठ जाती थीं।
1. शालू पुत्री राम सिंह
2. बबिता पुत्री राम सिंह
3. अंजू पत्नी ओमवीर
4. कृष्णा पत्नी नरेश
5. सोनतारा पत्नी रमेश
6. नवीन सिंह पुत्र राम सिंह
7. राम सिंह पुत्र स्वर्गीय मुंशी सिंह
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पुलिस ने बताया कि घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज में आरोपियों की पहचान की गई। तकनीकी सर्विलांस से उनकी लोकेशन हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर के आसपास ट्रेस हुई थी। मुखबिर की सूचना पर जब पुलिस ने घेराबंदी की, तो गैंग को रायबरेली शहर से गिरफ्तार कर लिया गया।
थाना कोतवाली नगर में पकड़े गए सातों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 317(2) सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि सभी आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह गिरोह बेहद चालाकी से महिलाओं का इस्तेमाल कर रहा था। ऐसे गैंग समाज के लिए खतरा हैं, इसलिए इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पूछताछ में यह भी सामने आया कि यह गिरोह हर बार नए शहर में जाकर ठिकाना बदल देता था। गैंग का संचालन राम सिंह और नवीन सिंह करते थे, जबकि महिलाएं केवल टप्पेबाजी का काम करती थीं। घटना के बाद सभी आरोपी किसी अस्थायी ठिकाने पर जाकर माल का बंटवारा करते थे।