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मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र में दलित युवक के साथ पुलिसकर्मियों और दबंगों ने मारपीट व फायरिंग की। शिकायत पर थाने में भी जाति पूछकर पीटा गया। घटना का वीडियो वायरल हुआ है। आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
मैनपुरी में पुलिसकर्मियों का दलित युवक पर अत्याचार
Mainpuri: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के बेवर थाना क्षेत्र में पुलिसकर्मियों द्वारा एक दलित युवक के साथ न केवल बेरहमी से मारपीट की गई, बल्कि उसे फायरिंग का भी शिकार बनाया गया। यह घिनौनी घटना तब सामने आई जब पीड़ित युवक ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ विरोध जताया था।
बता दें कि आरोप है कि पुलिसकर्मी चेतन तिवारी और अनुज चौधरी ने एक दलित युवक को जानबूझकर फंसाया और उसे हिंसा का शिकार बनाया।
घटना मैनपुरी के राजनगर गांव की है, जहां पुलिसकर्मी चेतन तिवारी और अनुज चौधरी ने दबंगों के साथ मिलकर दलित युवक अंशु के हाथ में जबरदस्ती तमंचा पकड़ा दिया और इसका वीडियो बना लिया। इस घटना का विरोध करने पर दबंगों ने युवक के साथ बुरी तरह से मारपीट की और फिर मौके पर फायरिंग कर दी। इसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी मौके से फरार हो गए।
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इस घटना के कुछ ही समय बाद पीड़ित युवक का परिवार थाने में शिकायत करने पहुंचा, लेकिन वहां भी उन्हें जाति आधारित भेदभाव का सामना करना पड़ा। थाने में जब पुलिसकर्मियों ने परिवार से उनकी जाति पूछी और दलित होने की जानकारी मिलने पर पीड़ितों के साथ थाने में भी मारपीट की गई। परिवार ने घायल युवक को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
मैनपुरी में बेवर थाना पुलिसकर्मियों और दबंगों ने दलित युवक को बेरहमी से पीटा, फायरिंग की और थाने में भी जाति पूछकर मारपीट की। घटना का वीडियो वायरल। सुनिए मामले पर क्या बोले मैनपुरी एसपी अरुण कुमार सिंह#Manpuri #DalitLivesMatter #UttarPradesh pic.twitter.com/5o9UzzIDtG
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 25, 2025
मैनपुरी सिटी के एसपी अरुण कुमार सिंह ने इस घटना की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने यह भी कहा कि इस प्रकार के कृत्य किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं हैं और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा।
पुलिसकर्मी चेतन तिवारी पर मैनपुरी के शहर कोतवाली में तैनाती के दौरान भी दबंगई करने के आरोप लग चुके हैं। इसके बाद उन्हें बेवर थाना स्थानांतरित कर दिया गया था। हालांकि, यह कदम भी उनके व्यवहार को सुधारने में नाकाम साबित हुआ है और अब वह इस प्रकार की घटनाओं में शामिल पाए गए हैं।
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें साफ तौर पर पुलिसकर्मियों की बर्बरता और दबंगों द्वारा की गई फायरिंग का दृश्य देखा जा सकता है। वीडियो ने पूरे मामले को और अधिक गंभीर बना दिया है और इसने पुलिस विभाग पर सवाल उठाए हैं।
इस घटना पर सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, दलित अधिकार संगठन ने इस प्रकार की घटनाओं को समाज में जातिवाद और भेदभाव को बढ़ावा देने वाला बताया है।
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मैनपुरी की घटना में पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए अत्याचार ने समाज के एक बड़े वर्ग को हिलाकर रख दिया है। यह मामला पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है और यह दिखाता है कि किस प्रकार सरकारी कर्मचारियों द्वारा भी जातिवाद का खेल खेला जा सकता है।