Dhoomanganj Incident: 19 साल बाद टूटी खामोशी: तीन सगे भाई पहुंचे जेल, एक गोली ने छीनी थी जान

प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में 2006 में हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड में आखिरकार 19 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 27 June 2025, 6:02 PM IST
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प्रयागराज: प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र में 2006 में हुए एक सनसनीखेज हत्याकांड में आखिरकार 19 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने इस बहुचर्चित केस में तीन सगे भाइयों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। एसीजेएम (प्रथम) कुमारी अनीता की अदालत ने उमरी गांव के रहने वाले मुन्नू, साबिर और रमजानी को हत्या और हत्या के प्रयास का दोषी मानते हुए उन्हें आजीवन सश्रम कारावास की सजा दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  कोर्ट ने दोषियों पर 10,000-10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही आईपीसी की धारा 307/34 (हत्या के प्रयास) के तहत सात-सात साल की सश्रम सजा और 5,000-5,000 रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया गया है। कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद तीनों दोषियों को तत्काल हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।

क्या था पूरा मामला?

यह मामला 15 अगस्त 2006 को सामने आया था, जब मारियाडीह निवासी मोहम्मद आसिफ ने धूमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार, कुछ दिन पहले बमरौली के एक होटल में आरोपी साबिर और मुन्नू की बदरे नामक युवक से कहासुनी हो गई थी। मामला उस समय शांत हो गया, लेकिन 30 अगस्त 2006 को बदला लेने की नीयत से आरोपियों ने दिन-दहाड़े साजिश को अंजाम दे डाला।

घटना वाले दिन बदरे अपने साथी समून के साथ कचहरी से लौट रहा था। दोपहर लगभग दो बजे वे एक नर्सिंग होम के पास पान खाने रुके थे, तभी मुन्नू, साबिर और रमजानी बाइक से वहां पहुंचे और बदरे को ललकारते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में समून को गोली लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बदरे किसी तरह जान बचाकर पास खड़ी कार के पीछे छिप गया।

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न्याय की देर, पर अंधेर नहीं

करीब 19 साल बाद आए इस फैसले से मृतक समून के परिजन राहत की सांस ले रहे हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर दोषियों को सजा दी। परिजनों ने न्यायपालिका का आभार जताया और इसे कानून में विश्वास की जीत बताया।

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