

योगी सरकार ने “विकसित उत्तर प्रदेश 2047” के तहत प्रदेश को एक वैश्विक आर्थिक शक्ति बनाने की रूपरेखा तैयार की है। योजना में पांच शहरों को वर्ल्ड-क्लास बनाने, लखनऊ-कानपुर को एआई हब बनाने और एक्सप्रेसवे नेटवर्क का विस्तार शामिल है।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
Lucknow: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी योजना “विकसित उत्तर प्रदेश 2047” की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य है प्रदेश को भारत का सबसे समृद्ध, कनेक्टेड और तकनीकी रूप से उन्नत राज्य बनाना। इस मास्टर प्लान में आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण, आधारभूत संरचना और स्मार्ट शहरों का समावेश है, जिसे 2047 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
राज्य सरकार के विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और आगरा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा। इन शहरों में पीने के पानी, 24x7 बिजली, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट, मॉडर्न मेट्रो और हाईस्पीड रैपिड ट्रेन जैसे अधुनातन सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण बात लखनऊ और कानपुर को 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब' के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां तकनीकी नवाचार, स्टार्टअप्स और डिजिटल अर्थव्यवस्था का केंद्र होगा।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
प्रदेश सरकार ने 2030 तक शहरीकरण दर को 35% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, ताकि आधुनिक सुविधाओं से अधिक से अधिक आबादी लाभान्वित हो सके। इसके तहत तीन रीजनल इकोनॉमिक जोन बनाए जाएंगे, जिनमें वाराणसी-विंध्य क्षेत्र सबसे पहले शामिल होगा। हर जिले में कम से कम एक इंडस्ट्रियल नोड विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार उत्पन्न होगा और लघु व मध्यम उद्योगों को गति मिलेगी।
उत्तर प्रदेश पहले से ही भारत का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क रखने वाला राज्य है। अब सरकार का लक्ष्य है कि 2047 तक हर जिले को एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाए। इसका उद्देश्य है व्यापारिक कनेक्टिविटी, निवेश को आकर्षित करना और यातायात को सुगम बनाना।
‘विकसित उत्तर प्रदेश 2047’ योजना में पर्यावरण संरक्षण को विशेष प्राथमिकता दी गई है। वर्तमान में राज्य में 10% ट्री कवर है, जिसे 2030 तक 13-14% तक बढ़ाया जाएगा। इसके लिए वृक्षारोपण, वन संरक्षण और हरित तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।
सरकार ने “ईज ऑफ लिविंग” को लेकर भी गंभीर रुख अपनाया है। योजना के तहत:
• हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचेगा।
• 24 घंटे निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
• शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में पक्के मकान उपलब्ध कराए जाएंगे।
• मेट्रो, लाइट मेट्रो और रैपिड ट्रेन जैसी परिवहन सुविधाएं हर प्रमुख शहर में उपलब्ध कराई जाएंगी।
सरकार का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश को 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जाए। इसके लिए राज्य में विदेशी निवेश, तकनीकी स्टार्टअप, शिक्षा, मेडिकल, टूरिज्म और औद्योगिक क्षेत्रों में व्यापक विस्तार किया जाएगा।
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