

कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बैंक कर्मियों की आईडी अनाधिकृत तरीके से Auto loan निकालकर साइबर फ्रॉड करने वाले यूनियन बैंक आफ इंडिया के मैनेजर सहित गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पढ़ें पूरी खबर
साइबर फ्रॉड
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कूटरचित दस्तावेज तैयार कर बैंक कर्मियों की आईडी अनाधिकृत तरीके से Auto loan निकालकर साइबर फ्रॉड करने वाले यूनियन बैंक आफ इंडिया के मैनेजर सहित गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।
अभिवक्तों का विवरणः-
1-गौरव सिंह पुत्र श्री कृष्ण लाल निवासी 7/581/4 नियर लेबर अड्डा चौराहा विकास नगर थाना विकास नगर लखनऊ। मूल पता ग्रा० खेरसा थाना विधनू जिला कानपुर नगर। उम्र 40 वर्ष, शिक्षा-बीटेक, एमबीए। (मैनेजर यूनियन बैंक आफ इंडिया मास्टरमाइंड)।
2-नावेद हसन पुत्र स्व० सईद हसन निवासी 647/45 जानकीपुरम गार्डेन सहारा स्टेट गेट न० 2 के पास थाना जानकीपुरम लखनऊ। मूल पता 463/10 ए 45 हाता मिर्जा अली खान हुसैनाबाद थाना ठाकुरगंजऊ। उम्र 42 वर्ष शिक्षा इंटरमीटिएट।
3-अखिलेश तिवारी पुत्र स्व० शशिभूषण तिवारी निवासी प्लाट न० 04 मानस विहार आलम नगर राजाजीपुरम थाना तालकटोरा लखनऊ। उम्र 37 वर्ष, शिक्षा इंटरमीडिएट।
4-इन्द्रजीत सिंह पुत्र स्व० शंकर सिंह निवासी 441/339 नियर नीलकंठ हास्पिटल रस्तोगी नगर बालागंज थाना ठाकुरगंज लखनऊ। मूलपता ग्राम नंदौली थाना हसनगंज उन्नाव। उम्र 30 वर्ष, शिक्षा-बीए।
क्या है पूरा मामला
साइबर क्राइम की रोकथाम और साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ उ०प्र० की विभिन्न टीमों इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में विशाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एस०टी०एफ०, उ०प्र० के पर्यवेक्षण में एस०टी०एफ० मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
आधार कार्ड और पैन कार्ड उसके व्हाट्सएप पर भेजा
अभिसूचना संकलन के क्रम में ज्ञात हुआ कि राज बहादुर गुरुंग, निवासी इनकम टैक्स कॉलोनी, वजीर हसन रोड, थाना हजरतगंज लखनऊ, को व्यवसाय के लिए 2 से 3 लाख रुपये की आवश्यकता थी जिसके लिए उसने अपने जानने वाले इंद्रजीत सिंह से बात किया था। इंद्रजीत सिंह ने बताया था कि उसका मित्र नावेद हसन, यूनियन बैंक आफ इंडिया शाखा जानकीपुरम ब्रांच के मैनेजर गौरव सिंह से परिचित है और यह लोन दिलवाने का काम करता है। इंद्रजीत के कहने पर राज बहादुर गुरुंग ने अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड उसके व्हाट्सएप पर भेज दिया था।
कागजों पर हस्ताक्षर
लगभग 15 दिन बाद इंद्रजीत सिंह राजबहादुर गुरंग को यूनियन बैंक आफ इंडिया शाखा जानकीपुरम मैनेजर गौरव सिंह के केबिन में ले गया। वहां पहले से एक फाइल रखी हुई थी जिसमें अंग्रेजी में टाइम किये हुए कई कागजात पूर्व से रखे थे। उन लोगों ने राज बहादुर गुरुंग को अपने प्रभाव में लेकर उन कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिया था। अगले दिन फिर इंद्रजीत ने बताया कि कुछ और सिग्नेचर बाकी है, जिसके लिए वह राज बहादुर गुरुंग को दोबारा बैंक ले गया। इस बार गौरव सिंह व नावेद हसन दोनों मिले और लगभग 15-20 जगह फिर से साइन करवाए गए। नावेद हसन ने राज बहादुर गुरुंग से कहा कि तुम्हारा काम जल्द ही हो जाएगा पर कई महीने होने पर राज बहादुर गुरुंग ने पूछा तो नावेद ने मना कर दिया कि तुम्हारा लोन नहीं हुआ।
चारो अभियुक्तों को गिरफ्तार
लगभग 5-6 महीने बाद राज बहादुर गुरुंग के मोबाइल पर ईएमआई डयू का मैसेज आया। तब राज बहादुर गुरुंग ने अपना सिविल स्कोर निकलवाया तो पता चला कि उसके नाम से दो लोन स्वीकृत हुए है। जिसमें से एक मुद्रा लोन 9.80,000 28-04-2023 को और दूसरा कार लोन रु 15,00,000 का 10-06-2023 को कुल 24,80,000/रू यूनियन बैंक आफ इंडिया शाखा जानकीपुरम से किए गए हैं। उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी विशेषज्ञता के आधार पर और मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए 13-09-2025 को एसटीएफ उ०प्र० द्वारा आफिस न०-719 सातवीं मंजिल, न्यू हजरतगंज अपार्टमेंट ओमेक्स सिटी थाना शुतांत गोल्फ सिटी लखनऊ से उपरोक्त चारो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया,
मैने कूटरचित आधार कार्ड का प्रयोग
गिरफ्तार अभियुक्त नावेद हसन ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2011 उसने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू किया। साल 2015 में उसकी दोस्ती आमिर एहसन से हुई। आमिर एहसन 2015 से मेरी "Hind Transport Company" ट्रांसपोर्ट नगर में साथ काम करने लगा। "Hind Transport Company" नाम की फर्म को पंजीकृत कराने में मैने कूटरचित आधार कार्ड का प्रयोग किया है। जिसमें वास्तविक नाम व पिता के नाम के स्थान पर मो० अरसद खान पुत्र अनवर खान लिखाकर कर तैयार कराया था ताकि वह फर्जीवाडा व ठगी करने फर्जी बैंक लोन कराने में कभी पकड़ा न जा सकू।
20 लोगों के नाम से मुद्रा लोन
वर्ष 2015 में उसने State Bank of india गोमती नगर से फर्जी तरीके से लोन लिया था। जिस कारण वर्ष 2017 में तत्कालीन बैंक मैनेजर ने गोमती नगर थाने में मुकदमा पंजीकृत करा दिया। जिसमे उसके साथ उसके गैंग के सदस्य अखिलेश तिवारी का भी नाम था। आगे कहा कि इस केस में 2021 में मुझे जेल जाना पड़ा था। वर्ष 2017 से अब तक हम लोगों द्वारा फर्जी तरीके से कूटरचित दस्तावेज बनाकर कई बैंकों से लगभग 20 गाडियां फाइनेंस करायी गयी हैं। वर्ष 2021 में मेरे मित्र आमिर एहसन के माध्यम से गौरव सिह ब्राच मैनेजर यूनियन बैंक आफ इंडिया से मेरी जान पहचान हो गयी। तब से गौरव सिंह के माध्यम से मैने लगभग 20 लोगों के नाम से मुद्रा लोन कराया है। इन लोन को करने के लिए गौरव सिंह द्वारा दस्तावेजों के प्रारूप उपलब्ध कराये गये थे।
कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कई फर्म बनायी
कूटरचित दस्तावेज बनाने का काम मै स्वयं, आमिर एहसन व अखिलेश तिवारी द्वारा किया जाता था। इन्द्रजीत फील्ड से कस्टमर लाता था व इन्द्रजीत की फोटो दूसरे लोगों के दस्तावेजों पर लगाकर लोन लिया जाता था। इन्द्रजीत सिंह ब्रांच में जाकर जिसके नाम के दस्तावेज होते थे उनके नाम के हस्ताक्षर बना देता था। फर्जी लोन से जो रूपये आते थे उनको हम लोग आपस में बांट लेते थे। हम लोगों द्वारा गौरव सिंह को अतिरिक्त अन्य कई बैंक मैनेजरों के साथ मिलकर भी कई लोन फर्जी तरीके से कराये गये हैं। हमारे द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कई फर्म बनायी गयी है, जिनमें लोन का पैसा आता है। अभियुक्त नावेद के बयान का समर्थन करते हुए अभि० गौरव सिंह द्वारा बताया गया कि में जुलाई 2021 में यूनियन बैंक आफ इंडिया की शाखा जानकीपुरम लखनऊ में ब्रांच हेड बनकर आया था। यहाँ मेरी पहचान नावेद हसन उपरोक्त से हुई और नावेद ने कहा कि अगर आप साथ दे तो हम लोग अच्छा पैसा कमा सकते है पैसे के लालच में पडकर मैने, नावेद हसन, अखिलेश तिवारी, इन्द्रजीत सिंह व आमिर एहसन