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गोरखपुर की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक जघन्य मामले में आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और ₹39,000 अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला पुलिस के “ऑपरेशन कन्विक्शन” अभियान के तहत प्रभावी पैरवी का परिणाम है।
गोरखपुर कोर्ट
Gorakhpur: न्यायपालिका ने नाबालिग से दुष्कर्म के एक जघन्य अपराध में बड़ा फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर ₹39,000 का अर्थदंड भी लगाया है। यह फैसला पुलिस महानिदेशक (DGP) द्वारा संचालित विशेष अभियान “ऑपरेशन कन्विक्शन” के तहत प्रभावी पैरवी का परिणाम बताया जा रहा है।
क्या है पूरा मामला
यह मामला वर्ष 2022 का है। थाना सहजनवां क्षेत्र के अंतर्गत एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई थी। पीड़िता के परिवार की तहरीर पर पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में अभियुक्त आकाश चौरसिया पुत्र राजकुमार चौरसिया निवासी मटियारी, थाना सहजनवां के खिलाफ मुकदमा संख्या 311/2022 पंजीकृत किया गया था।
इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा
अभियुक्त पर धारा 363, 366, 377, 504, 506 भादवि तथा धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने इस घटना को संवेदनशील और गंभीर मानते हुए त्वरित जांच शुरू की।
20 वर्ष की कैद और 39 हजार का जुर्माना
मामले की सुनवाई विशेष न्यायालय SPL/ASJ/POCSO-2, गोरखपुर में हुई। न्यायालय ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए उसे 20 वर्ष के कठोर कारावास और ₹39,000 जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने माना कि अभियुक्त का अपराध न केवल नाबालिग के प्रति बल्कि समाज और कानून के प्रति भी गंभीर अपराध है।
अदालत ने अभियोजन की दलीलों और पुलिस जांच की मजबूती को स्वीकार करते हुए कहा कि इस मामले में सबूत स्पष्ट हैं और अभियुक्त को अपराध से जोड़ा जा सकता है। इस निर्णय से यह भी स्पष्ट हुआ कि यदि पुलिस और अभियोजन एकजुट होकर कार्य करें तो न्यायिक प्रक्रिया में तीव्रता लाई जा सकती है।
पुलिस विभाग ने कहा कि “ऑपरेशन कन्विक्शन” का उद्देश्य गम्भीर अपराधों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराधों में त्वरित और प्रभावी न्याय सुनिश्चित करना है। इस अभियान के अंतर्गत गोरखपुर जनपद में कई मामलों में दोषियों को कठोर सजा दिलाई गई है।