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हरदोई से भाजपा विधायक श्याम प्रकाश ने प्रसिद्ध संत रामभद्राचार्य को लेकर की गई विवादित टिप्पणियों से सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी। आलोचना बढ़ने पर उन्होंने सफाई दी, लेकिन मामला अब पार्टी और धार्मिक संत समाज के बीच तनाव का कारण बनता दिख रहा है।
विधायक श्याम प्रकाश
Hardoi: गोपामऊ विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक श्याम प्रकाश एक बार फिर अपने बयानों को लेकर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने प्रसिद्ध संत रामभद्राचार्य और प्रेमानंद जी महाराज के बीच चल रहे सोशल मीडिया विवाद में कूदते हुए कुछ ऐसे बयान दे डाले, जिन पर कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
विधायक की टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर मचाया बवाल
विधायक श्याम प्रकाश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “आपने अंधे होकर संस्कृत का अध्ययन कैसे किया, झूठ क्यों बोल रहे हैं?” इसके बाद एक अन्य पोस्ट में उन्होंने जातिगत आधार पर संत रामभद्राचार्य पर हमला बोलते हुए लिखा, “आप बहुत बड़े जातिवादी हैं।” विवाद यहीं नहीं रुका। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में महिलाओं को लेकर भी विवादित टिप्पणी करते हुए लिखा, “आप महिलाओं को चादर में ढक कर जो करते हैं, वह व्यभिचार की श्रेणी में आता है।”
इन टिप्पणियों ने सोशल मीडिया पर उबाल ला दिया। समर्थक और विरोधी दोनों ही पक्षों से तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं और मामला तेजी से वायरल हो गया।
विवाद बढ़ा तो दी सफाई
चारों ओर से आलोचना झेलने के बाद विधायक श्याम प्रकाश ने अपने बचाव में एक सफाई पोस्ट जारी किया। उन्होंने लिखा—“मैं पूज्य प्रेमानंद महाराज का अनुयायी हूं। रामभद्राचार्य जी की प्रेमानंद जी और ब्राह्मण समाज के प्रति की गई टिप्पणी से आहत होकर मैंने प्रतिक्रिया दी। मेरी कोई व्यक्तिगत दुर्भावना नहीं है। मैं सभी सच्चे संतो का सम्मान करता हूं।” हालांकि, सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी सफाई को अधूरा और रणनीतिक बताया और इसे “पलटी” करार दिया।
भाजपा के लिए असहज स्थिति
विधायक की इस बयानबाजी ने भाजपा नेतृत्व को असहज स्थिति में डाल दिया है। पार्टी पहले से ही धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों को लेकर संवेदनशील है और ऐसे में संतों पर व्यक्तिगत और आपत्तिजनक टिप्पणी पार्टी लाइन से सीधे टकराव मानी जा रही है।
हालांकि, अब तक पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, पार्टी नेतृत्व ने विधायक से रिपोर्ट तलब की है और उनसे व्यवस्थित स्पष्टीकरण मांगा गया है।
पहले भी विवादों में रहे हैं विधायक
श्याम प्रकाश का यह पहला विवाद नहीं है। वह कई बार सरकार और नौकरशाही के खिलाफ खुलेआम बयानबाजी कर चुके हैं। सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले विधायक अक्सर अपनी टिप्पणियों से पार्टी को परेशानी में डालते रहे हैं।
एक राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार “श्याम प्रकाश की राजनीतिक शैली ‘बेबाक बोल’ पर आधारित है, लेकिन सीमाएं लांघना अक्सर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर देता है।”