

फरेंदा तहसील परिसर सोमवार को उस समय अफरा-तफरी का केंद्र बन गया, जब एक युवक अचानक परिसर स्थित पीपल के पेड़ पर चढ़ गया और गले में फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगा। यह नजारा देखते ही वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। भीड़ के बीच कोई उसे समझाने की कोशिश कर रहा था तो कोई पुलिस को सूचना देने में जुटा था।
पेड़ पर चढ़ा युवक
Maharajganj: महराजगंज के फरेंदा तहसील परिसर सोमवार को उस समय अफरा-तफरी का केंद्र बन गया, जब एक युवक अचानक परिसर स्थित पीपल के पेड़ पर चढ़ गया और गले में फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश करने लगा। यह नजारा देखते ही वहां मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। भीड़ के बीच कोई उसे समझाने की कोशिश कर रहा था तो कोई पुलिस को सूचना देने में जुटा था।
मौके से मिले वीडियो में युवक को पेड़ की डाल पर बैठा देखा जा सकता है,नीचे खड़े लोग लगातार उसे शांत रहने और नीचे उतरने के लिए समझाते रहे। घटना की खबर फैलते ही तहसील परिसर में मौजूद अधिवक्ताओं, फरियादियों और कर्मचारियों की भीड़ उमड़ पड़ी। कुछ ही देर बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। काफी मशक्कत और लोगों के समझाने-बुझाने के बाद आखिरकार युवक को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया।
चकबंदी विवाद से जुड़ा है मामला
जांच में पता चला कि युवक का परिवार लंबे समय से चकबंदी विवाद में उलझा हुआ है। इस विवाद को लेकर प्रार्थीनगण (उर्मिला पत्नी बालेश्वर और मंझु पत्नी सत्यनारायण, ग्राम थरौली बुजुर्ग,तहसील–नौतनवा) ने 4 अगस्त 2025 को जिलाधिकारी महराजगंज को एक प्रार्थना पत्र सौंपा था।उस पत्र में स्पष्ट आरोप लगाया गया था कि उनका मुकदमा सीओ चकबंदी, फरेंदा न्यायालय में विचाराधीन है। 28 जुलाई को उनकी ओर से बहस पूरी कर दी गई थी और लिखित बहस भी दाखिल की जा चुकी थी। बावजूद इसके विपक्षी पक्ष ने कथित मिलीभगत से आदेश को टलवा दिया। अब इस मामले की अगली तारीख 6 अगस्त तय की गई है।प्रार्थीनगण का आरोप है कि विपक्षी पक्ष की अधिकारियों से मिलीभगत है और इसी कारण उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया था कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वह परिवार सहित आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर होंगे।
जिलाधिकारी से की थी तत्काल आदेश की मांग
प्रार्थना पत्र में प्रार्थीनगण ने जिलाधिकारी से मांग की थी कि सीओ चकबंदी को तत्काल आदेश पारित करने का निर्देश दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो प्रशासन को इसके परिणामों की जिम्मेदारी लेनी होगी।
इसी विवाद और कथित अन्याय से व्यथित होकर युवक ने फरेंदा तहसील परिसर में यह सनसनीखेज कदम उठाया। फिलहाल मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक को सुरक्षित बचाकर पेड़ से नीचे उतार लिया है।
इस घटना से तहसील परिसर में पूरे दिन चर्चा का माहौल रहा। फरियादी और अधिवक्ता प्रशासनिक कार्यवाही की निष्पक्षता पर सवाल उठाते रहे। लोगों का कहना है कि यदि समय पर और निष्पक्ष तरीके से विवादों का निस्तारण हो, तो किसी को आत्मघाती कदम उठाने की नौबत ही न आए।