

यूपी के चंदौली जनपद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, PWD की मंजूरी के बिना शुरू हुआ निर्माण बना विवाद की जड़। ईओ और कोतवाल के बीच हुई तीखी बहस के बाद मौके पर पहुंचे SDM और CO, जांच पूरी होने तक निर्माण पर लगाई गई रोक।
मुगलसराय में भिड़े दो अफसर
Chandauli: जिले के मुगलसराय क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक तीखी नोकझोंक हुई, जिसमें नगर पालिका के कार्यपालन अधिकारी (EO) और मुगलसराय कोतवाली के कोतवाल आमने-सामने आ गए। मामला वेंडिंग जोन में निर्माण कार्य शुरू करने की अनुमति से जुड़ा है, जो PW D की अनुमति (NOC) के बिना शुरू कर दिया गया था। विवाद इतना बढ़ गया कि SDM और CO को मौके पर पहुंचना पड़ा, और फिलहाल सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है।
मंगलवार सुबह टाउन हॉल से सटे वेंडिंग जोन में ईओ और नगर पालिका अध्यक्ष सोनू किन्नर निर्माण कार्य शुरू करने पहुंचे। उनका मकसद था जोन के लिए बनाए जाने वाले ढाँचे की नींव रखना, लेकिन इस निर्माण को लेकर विवाद जल उठा। यह कार्य PWD विभाग की अनुमति (NOC) के बिना शुरू किया गया था, जिसे लेकर नगर प्रशासन एवं पुलिस विभाग में रस्साकशी हो गई।
जब कोतवाल ने अवैध निर्माण को रोकने की कोशिश की, तो उन्होंने कार्य को अवैध सेनाया और उसे तत्काल रोका। इस पर EO और कोतवाल के बीच नोकझोंक शुरू हो गई, जिसमें दोनों आरोप-प्रत्यारोप करते दिखे। विवाद सार्वजनिक हो गया, और ईओ ने मीडिया के सामने कोतवाल पर दबाव बनाए जाने की बात कही।
जैसे ही विवाद की भनक जिला प्रशासन को लगी, पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर के SDM अनुपम मिश्रा और CO घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी और मामले की तलाशी व जांच का आदेश दिया। कहा गया कि NOC और अनुमति पत्रों की पुष्टि किए बिना कोई भी निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ेगा।
अध्यक्ष सोनू किन्नर की भूमिका भी जांच के घेरे में
SDM अनुपम मिश्रा ने मीडिया को बताया, "हमने आदेश जारी किया है कि तब तक किसी भी तरह का निर्माण न हो जब तक सभी आवश्यक कागजात, अनुमति व स्वीकृति नहीं मिल जाती। जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।"
दिलचस्प बात यह है कि लगभग दो सप्ताह पहले, उसी विवादित भूखंड पर नगर पालिका अध्यक्ष सोनू किन्नर ने भूमि पूजन किया था। उस समय भी इस भूमि मर्यादाएं और स्वीकृति विवादित माने जा रहे थे। इस पूजन कार्यक्रम को लेकर पहले से ही आलोचना हो रही थी, क्योंकि इसे PWD की अनुमति के बिना अंजाम दिया गया था।
अब उस पूजन को इस विवाद के केंद्र में देखा जा रहा है- कि क्या पूजन करके निर्माण की तैयारी की गई थी या यह एक पूर्व योजना का हिस्सा था। बिना अनुमति की भूमि पूजन ने विवाद को और हवा दी है।
Chandauli News: PWD की लापरवाही से 7 महीने से डूबा अमोघपुर, ग्रामीणों ने की कार्रवाई मांग
यदि ज्ञात हुआ कि निर्माण बिना किसी वैध अनुमति के शुरू किया गया था, तो संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई, जिम्मेदारी तय करना और निर्माण को ध्वस्त करना तक का फैसला हो सकता है।