

यूपी के वाराणसी जनपद से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जहां घूसखोरी का मामला उजागर हुआ है। पढें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
प्रतीकात्मक छवि (फाटो सोर्स- इंटरनेट)
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने शनिवार को डाक विभाग के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए अधिकारियों में सहायक अधीक्षक (हेडक्वार्टर) संजय सिंह और ग्रामीण डाक सेवक (असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर) आत्मा गिरी शामिल हैं। इन दोनों पर 20 हजार रुपये की रिश्वत लेने का गंभीर आरोप है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लखनऊ स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच को धनेश वर्मा नामक कर्मचारी की शिकायत मिली थी, जो उप डाकघर सेवापुरी में कार्यवाहक एमटीएस के पद पर कार्यरत हैं। धनेश वर्मा ने आरोप लगाया कि 13 मार्च को जब उनके एसडीआई छुट्टी पर थे, तब संजय सिंह उप डाकघर सेवापुरी आए और आधार कार्ड से संबंधित रजिस्टर अपने साथ ले गए। जब धनेश ने रजिस्टर वापस मांगा, तो संजय सिंह ने बदले में 20 हजार रुपये की मांग की और न देने की स्थिति में कार्रवाई की धमकी दी।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उन्होंने पैसे नहीं होने की बात कहकर किसी तरह रजिस्टर वापस तो ले लिया, लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। 6 जून को जब संजय सिंह एक बार फिर सेवापुरी डाकघर आए, तो उन्होंने आत्मा गिरी के साथ मिलकर पुराने मामले का हवाला देते हुए जबरन 20 हजार रुपये वसूले और रजिस्टर फिर से ले गए।
डाक विभाग के अधिकारियों पर CBI का शिकंजा
इतना ही नहीं, 8 जून को संजय सिंह ने व्हाट्सएप कॉल कर 50 हजार रुपये और देने की मांग की और धमकी दी कि अगर रकम नहीं दी गई तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। आत्मा गिरी ने भी इसी बात को दोहराते हुए घूस न देने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी।
धनेश वर्मा की लिखित शिकायत पर लखनऊ सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने तत्काल संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया। ब्रांच प्रमुख डीआईजी शिवानी तिवारी के निर्देश पर डिप्टी एसपी रानू चौधरी के नेतृत्व में टीम ने कार्रवाई करते हुए वाराणसी में डाक विभाग के हेडक्वार्टर और खेवली, हाथीबाजार स्थित डाकघर में छापा मारा और दोनों आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
सीबीआई की इस कार्रवाई के बाद डाक विभाग में हड़कंप मच गया है। विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी सकते में हैं। यह मामला सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
फिलहाल सीबीआई दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है और घूसखोरी से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच की जा रही है।