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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दालमंडी चौड़ीकरण परियोजना लगातार विवादों में घिरती जा रही है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा किए जा रहे विरोध का असर अब कानूनी कार्रवाई के रूप में सामने आया है। वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने 30 अज्ञात और 2 नामजद व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
187 मकानों पर अगली कार्रवाई तय
Varanasi: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दालमंडी चौड़ीकरण परियोजना लगातार विवादों में घिरती जा रही है। स्थानीय व्यापारियों द्वारा किए जा रहे विरोध का असर अब कानूनी कार्रवाई के रूप में सामने आया है। वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने 30 अज्ञात और 2 नामजद व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि विरोध कर रहे लोगों ने सरकारी कार्य में बाधा डाली और सौंदर्यीकरण व सड़क चौड़ीकरण कार्य को रोकने का प्रयास किया।
चौड़ीकरण की कार्रवाई शुरू होते ही दालमंडी क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। व्यापारियों के साथ ही स्थानीय महिलाओं और बच्चों ने भी खुलकर इसका विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि प्रशासन ने बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के, मनमाने ढंग से कार्रवाई शुरू कर दी। उनका कहना था कि चौड़ीकरण की जरूरत हो सकती है, लेकिन इसके लिए ऐसे उपाय किए जाने चाहिए थे जिनसे स्थानीय लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी और कारोबार प्रभावित न हो।
मंगलवार को दालमंडी पहुंचे VDA, PWD और पुलिस के अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों की तीखी बहस का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में महिलाएं घरों के ध्वस्तीकरण का विरोध करती दिखीं, जबकि व्यापारी प्रशासनिक कार्रवाई का सवाल उठा रहे थे। यह विवाद तब और बढ़ गया जब अधिकारियों ने कहा कि उनका काम तय प्रक्रिया का हिस्सा है, और इसमें बाधा डालना कानूनी अपराध माना जाएगा।
सूत्रों के अनुसार VDA की तहरीर पर चौक थाने में दर्ज किए गए मुकदमे में कहा गया है कि विरोध कर रहे लोगों ने सरकारी काम में व्यवधान उत्पन्न किया। अधिकारियों का कहना है कि दालमंडी में सौंदर्यीकरण और सड़क चौड़ीकरण परियोजना का उद्देश्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में सुगम यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करना है। प्रशासन ने यह भी साफ कर दिया है कि आगे भी किसी ने सरकारी काम में बाधा उत्पन्न की, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
चौड़ीकरण के लिए चिन्हित 187 मकानों पर आगे क्या कार्रवाई होगी, इसको लेकर स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ी हुई है। अभी तक किसी राजनीतिक दल या व्यापारी संगठन की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन विवाद के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए आगामी दिनों में मामला और गरमा सकता है। फिलहाल प्रशासन अपनी योजना के प्रति दृढ़ दिखाई दे रहा है, जबकि स्थानीय लोग अपने अस्तित्व और livelihood को लेकर चिंतित हैं।