हिंदी
बुलंदशहर के चर्चित वाहिद हत्याकांड में 12 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है, जबकि 3 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। इस कांड में गद्दी और कुरैशी समुदाय के बीच गैंगवार शुरू हुआ था, जो लंबे समय तक पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हुआ।
Symbolic Photo
Bulandshahr: बुलंदशहर में हुए चर्चित वाहिद हत्याकांड में जिला एवं सत्र न्यायालय ने 15 आरोपियों में से 12 को दोषी करार दिया है, जबकि 3 आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए 19 अगस्त को सजा पर अंतिम निर्णय सुनाने की तिथि तय की है। इस कांड के बाद से ही बुलंदशहर में गद्दी और कुरैशी समाज के बीच खूनी संघर्ष की स्थिति बन गई थी, जो लंबे समय तक जिले के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुआ।
कैसे शुरू हुआ था गैंगवार
यह मामला अगस्त 2012 का है, जब वाहिद गाजी नामक युवक की हत्या हुई थी। घटना के बाद से ही बुलंदशहर में गद्दी और कुरैशी समुदाय के बीच गैंगवार शुरू हो गया था। दोनों पक्षों के बीच संघर्ष इस कदर बढ़ गया कि किसी भी पक्ष के सदस्य को दूसरा पक्ष देखता तो उसे बिना किसी कारण मारा जाता। यह स्थिति इतनी बिगड़ी कि पुलिस को दोनों इलाकों में लंबे समय तक भारी सुरक्षा बल तैनात करना पड़ा।
24 अगस्त 2012 को क्या हुआ था?
24 अगस्त 2012 को वाहिद गाजी की बाइक फिसलने के बाद कुरैशी समाज के लोगों से विवाद हुआ, जिसके बाद कुरैशी समुदाय के लोगों ने उसे गोलियों से भूनकर मार डाला। इस हमले में मीना पत्नी नसरू और राशिद पुत्र नसरू भी घायल हो गए थे। इसके बाद बुलंदशहर में तनाव फैल गया और कई दिनों तक स्थिति नियंत्रण से बाहर रही। शहर के विभिन्न इलाकों में पीएसी और भारी पुलिस बल तैनात किया गया और दुकानों के शटर गिराए गए थे।
15 में से इन तीन आरोपियों की हो चुकी मौत
पुलिस ने इस हत्याकांड में 15 आरोपियों को नामजद किया था। जिनमें से कई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। आरोपियों में खलील पुत्र अजीज, चमन पुत्र कल्लू, रहीस-शाहिद पुत्र शद्दीक, असरफ-अनवर पुत्र हाजी नसरु, वाहिद-साजिद पुत्र यूनुस, हाजी आसमोहम्मद पुत्र हाजी कम्मू, फरीद पुत्र यूसुफ पहलवान और यूसुफ पुत्र हाजी इशार शामिल थे। इन सभी आरोपियों में से याद मोहम्मद, यूसुफ और रहीस की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।
बदले की भावना ने लगाई आज
वाहिद हत्याकांड के बाद गद्दी समाज के लोगों ने कुरैशी समाज के हामिद को भी मार डाला। हामिद की हत्या उस वक्त हुई जब वह अपनी दुकान पर बैठा था। हामिद की हत्या के बाद दोनों समुदायों के बीच बदले की भावना तीव्र हो गई और इसके परिणामस्वरूप खून-खराबा बढ़ता चला गया।
लगातार जारी रहा विवाद
हामिद हत्याकांड में भी पुलिस ने कई आरोपियों को नामजद किया था। इन आरोपियों में माजिद, बक्शा, इश्तकार, नवेद, राशिद, मुल्ला फारूक, तौसीफ और मुल्ला जमील शामिल थे। इस मामले में भी करीब एक साल पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को अलग-अलग सजा सुनाई थी। इसके बाद से दोनों समुदायों के बीच हिंसा का सिलसिला जारी रहा, जिससे पुलिस और प्रशासन को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
अब कोर्ट के फैसले के इंतजार
कोर्ट ने इस मामले में 12 आरोपियों को दोषी ठहराया है। जबकि अन्य तीन आरोपियों की मृत्यु हो चुकी है। अब 19 अगस्त को न्यायालय इन 12 दोषियों के खिलाफ सजा सुनाएगा, जिसके बाद इस मामले का एक अहम अध्याय समाप्त हो जाएगा।