

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिकरू कांड के आरोपी शिवम दुबे की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने पाया कि आरोपी ने अपने खिलाफ दर्ज अन्य मुकदमों की जानकारी छुपाकर अदालत को गुमराह किया। यह आदेश 21 अगस्त को न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की अदालत ने पारित किया।
आरोपी शिवम दुबे
Kanpur: कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड से जुड़े एक अहम मोड़ में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी शिवम दुबे उर्फ दलाल की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने आरोपी को झूठा हलफनामा देकर अदालत को गुमराह करने का दोषी मानते हुए कहा कि तथ्य छुपाकर राहत नहीं दी जा सकती।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने 21 अगस्त को सुनाया। फैसले में अदालत ने आरोपी के झूठे हलफनामे को न्यायिक प्रक्रिया के दुरुपयोग के तौर पर देखा और कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में सत्यता सबसे पहली शर्त होनी चाहिए।
क्या कहा कोर्ट ने?
राज्य सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि आरोपी ने अपने हलफनामे में यह उल्लेख किया था कि उसके खिलाफ कोई अन्य आपराधिक मामला लंबित नहीं है। जबकि हकीकत यह है कि शिवम दुबे पर गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामला दर्ज है और उसे 5 सितंबर 2023 को उसी में दोषी ठहराया गया था।
सरकारी अधिवक्ता की इस दलील पर अदालत ने सहमति जताई और कहा कि यह स्वीकार करना कठिन है कि आरोपी को अपने खिलाफ चल रहे मामलों की जानकारी नहीं थी। अदालत ने टिप्पणी की, "आरोपी ने जानबूझकर आपराधिक पृष्ठभूमि छुपाई और अदालत से तथ्य छुपाकर जमानत पाने की कोशिश की। यह गंभीर मामला है और न्यायालय इससे अनदेखी नहीं कर सकता।" हालांकि कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि, “पर्याप्त समय बीतने के बाद आरोपी पुनः जमानत याचिका दाखिल कर सकता है।”
क्या है बिकरू कांड?
2 जुलाई 2020 की रात, कानपुर के बिकरू गांव में एक पुलिस टीम कुख्यात अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने पहुंची थी। जैसे ही पुलिस गांव में दाखिल हुई, विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिस पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में डीएसपी देवेंद्र मिश्रा समेत कुल 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे।
यह घटना पूरे देश में सनसनीखेज बन गई थी और पुलिस-प्रशासन को हिला कर रख दिया था। इसके बाद विकास दुबे और उसके गिरोह के खिलाफ बड़े स्तर पर एनकाउंटर अभियान शुरू हुआ। 10 जुलाई 2020 को विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था, तभी कथित मुठभेड़ में उसकी मौत हो गई।
शिवम दुबे की भूमिका
शिवम दुबे उर्फ दलाल, जो बिकरू कांड के मुख्य साजिशकर्ताओं में शामिल बताया जाता है, उस पर आरोप है कि वह विकास दुबे के करीबी सहयोगियों में शामिल था और हमले की साजिश में सक्रिय रूप से भागीदार रहा।