

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फेरबदल किया है। महाराजगंज सहित कई जिलों के वरिष्ठ परामर्शदाताओं को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया है। इस तबादले से चिकित्सा सेवाओं में सुधार और बेहतर प्रबंधन की उम्मीद जताई जा रही है। पूरी सूची जारी।
कई जिलों के चिकित्सा अधिकारियों के तबादले
Lucknow: उत्तर प्रदेश शासन ने चिकित्सा अनुभाग-2 के तहत प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के वरिष्ठ पदाधिकारियों के पुनर्नियोजन का आदेश जारी किया है। इस तात्कालिक प्रभाव वाले आदेश के अनुसार, महाराजगंज, मथुरा, श्रावस्ती, अम्बेडकर नगर, बाराबंकी, इटावा, लखनऊ, भदोही, कानपुर नगर सहित कई जिलों के वरिष्ठ परामर्शदाताओं को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया है। यह निर्णय जनहित में लिया गया है और इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी और व्यवस्थित बनाना है।
प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के संयुक्त निदेशक ग्रेड के अंतर्गत निम्न चिकित्साधिकारी अपनी वर्तमान तैनाती से हटकर नए पद एवं स्थान पर तैनात किए गए हैं। डॉ. नीरज अग्रवाल, जो जिला चिकित्सालय मथुरा में वरिष्ठ परामर्शदाता थे, अब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय मथुरा के पद पर तैनात होंगे। डॉ. राजपाल सिंह, वरिष्ठ परामर्शदाता जिला संयुक्त चिकित्सालय श्रावस्ती, को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनात किया गया है। डॉ. पी. एन. यादव, जिला संयुक्त चिकित्सालय अम्बेडकर नगर के वरिष्ठ परामर्शदाता थे, अब उन्हें मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बनाया गया है। डॉ. ए. के. द्विवेदी, जिला संयुक्त चिकित्सालय महाराजगंज के वरिष्ठ परामर्शदाता थे, अब वे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर आसीन होंगे।
तबादलों की सूची
इसी तरह बाराबंकी के 100 शैय्यायुक्त संयुक्त चिकित्सालय सिरौली गौसपुर, जिला चिकित्सालय इटावा, वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय लखनऊ, महाराजा बलवन्त सिंह राजकीय चिकित्सालय भदोही और एएचएम डफरिन चिकित्सालय कानपुर नगर के वरिष्ठ परामर्शदाताओं को भी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के रूप में तैनात किया गया है।
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इस तात्कालिक तैनाती का उद्देश्य जिलों में चिकित्सा सेवाओं के प्रबंधन को और सुदृढ़ बनाना है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पद पर तैनात इन वरिष्ठ अधिकारियों से उम्मीद की जा रही है कि वे स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के साथ-साथ मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करेंगे। इससे अस्पतालों में कार्यकुशलता बढ़ेगी और स्वास्थ्य विभाग की योजना एवं क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
उत्तर प्रदेश शासन के चिकित्सा अनुभाग-2 ने जनहित को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया है। यह बदलाव प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती से स्वास्थ्य सेवाओं का समुचित प्रबंधन सुनिश्चित होगा और जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
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यह तैनाती आदेश दिनांक 15 सितंबर 2025 को जारी किया गया है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा। संबंधित अधिकारियों को नए पदों एवं स्थानों पर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना अनिवार्य होगा। इससे प्रदेश की चिकित्सा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक पहल होगी।