UP Panchayat Election 2025: पंचायत चुनाव से पहले रालोद ने बदला रुख, सियासी गर्मी तेज

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव से पहले रालोद ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर भाजपा को चौंका दिया है। भाजपा की रणनीति रालोद के साथ मिलकर जीत दर्ज करने की थी, लेकिन अब गठबंधन पर असमंजस है। इस फैसले का असर 2027 के विधानसभा चुनाव तक पड़ सकता है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 16 September 2025, 10:52 AM IST
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Meerut: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई हैं और इसके साथ ही प्रदेश की सियासत में भी हलचल बढ़ती जा रही है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने बड़ा ऐलान करते हुए पंचायत चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय लिया है। इस घोषणा ने प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जहां जयंत चौधरी का अच्छा खासा जनाधार है।

भाजपा ने शुरू की पंचायत चुनाव की तैयारी

प्रदेश में पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। जिला और क्षेत्रीय स्तर पर संयोजक और सह-संयोजक की नियुक्ति कर दी गई है। साथ ही, वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। भाजपा का फोकस इस बार भी जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख जैसे प्रमुख पदों पर कब्जा जमाने का है।

जयंत चौधरी

“पंचायत चुनाव में संगठन मजबूत करना प्राथमिकता”

रालोद पंचायत चुनाव समिति के प्रदेश संयोजक डॉ. कुलदीप उज्ज्वल ने मीडिया को दिए बयान में स्पष्ट किया कि पार्टी स्थानीय निकाय चुनावों में किसी गठबंधन के बिना अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य पंचायत स्तर पर पार्टी के संगठन को मजबूत करना है। पंचायत चुनाव ही भविष्य के विधानसभा चुनाव की नींव रखते हैं। यदि हम गांव-गांव में अपनी जड़ें मजबूत कर लेंगे तो विधानसभा में सफलता आसान होगी।

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भाजपा की प्रतिक्रिया

हालांकि भाजपा की ओर से कोई तीखी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन असहजता जरूर देखने को मिल रही है। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया ने कहा कि गठबंधन पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। शीर्ष नेतृत्व रालोद प्रमुख जयंत चौधरी से बातचीत कर कोई निर्णय लेगा। अभी सभी विकल्प खुले हैं।

पश्चिमी यूपी में चुनावी गणित पर पड़ेगा असर

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रालोद का अच्छा-खासा जनाधार है, विशेषकर जाट, किसान और ग्रामीण मतदाताओं के बीच। 2022 के विधानसभा चुनाव में रालोद और सपा के गठबंधन ने भाजपा को कई जगह कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि, इस बार पंचायत चुनावों में सपा का नाम प्रमुखता से नहीं आ रहा है, लेकिन रालोद अकेले उतरकर भाजपा की रणनीति को चुनौती जरूर दे सकता है।

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