

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जनपद में निर्माणाधीन होम्योपैथिक अस्पताल के गिरते पिलर और बीम ने एक बड़ी लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर दिया है। यह मामला संदलपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुरासी स्थित भटेलिन पुरवा गांव का है, जहां बीते शनिवार को निर्माण कार्य के दौरान दो पिलर और एक बीम भरभराकर गिर गए।
निर्माण कार्य के दौरान दो पिलर और एक बीम भरभराकर गिरे
Kanpur Dehat: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जनपद में निर्माणाधीन होम्योपैथिक अस्पताल के गिरते पिलर और बीम ने एक बड़ी लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा कर दिया है। यह मामला संदलपुर विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत सुरासी स्थित भटेलिन पुरवा गांव का है, जहां बीते शनिवार को निर्माण कार्य के दौरान दो पिलर और एक बीम भरभराकर गिर गए।
घटना के समय मजदूर पप्पू, शिवशंकर, मुकेश, सिकंदर और राकेश साइट पर काम कर रहे थे। अचानक गिरती बीम से पप्पू बाल-बाल बच गया, जिससे किसी की जान तो नहीं गई, लेकिन एक गंभीर लापरवाही जरूर सामने आई है। इस घटना की जानकारी सोमवार को उस वक्त सामने आई जब ग्रामीणों ने निर्माण स्थल पर दो गिरे हुए पिलर देखे।
ग्रामीणों ने घटना को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही, यह भी बताया कि निर्माण स्थल के पास अक्सर बच्चे खेलते हैं, जिससे भविष्य में किसी बड़ी अनहोनी की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि निर्माण के दौरान ही पिलर गिरने लगे हैं, तो आगे जाकर इस बिल्डिंग की सुरक्षा कितनी मजबूत होगी, इस पर सवाल उठना लाजमी है।
ग्राम प्रधान साक्षी के पति पंकज सिंह ने मामले को जिला होम्योपैथिक अधिकारी (DHO) राजश्री के संज्ञान में लाया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि गांव में हो रहे इस निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल हैं और इसकी तत्काल जांच होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने निर्माण कार्य करवा रहे ठेकेदार अखिलेश कुमार दीक्षित पर भी उंगली उठाई है।
DHO राजश्री ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि उन्हें घटना की जानकारी मिल गई है और उन्होंने ठेकेदार से नाराजगी जताई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या भ्रष्टाचार पाया गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल निर्माण की गुणवत्ता बल्कि सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। ग्रामीणों की चिंता जायज़ है और इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में बड़ी दुर्घटनाओं को न्योता दे सकती हैं।