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देश में 30 जुलाई 2019 को, भारत की संसद ने ट्रिपल तलाक की प्रथा को अवैध और असंवैधानिक घोषित किया हो और इसे 1 अगस्त 2019 से अपराध की श्रेणी माना गया हो मगर आज भी लोग इस कानून को नहीं मानते नजर आ रहे हैं।
अकबरपुर कोतवाली
Kanpur Dehat: भले ही देश में 30 जुलाई 2019 को, भारत की संसद ने ट्रिपल तलाक की प्रथा को अवैध और असंवैधानिक घोषित किया हो और इसे 1 अगस्त 2019 से अपराध की श्रेणी माना गया हो मगर आज भी लोग इस कानून को नहीं मानते नजर आ रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से मामला सामने आया जिसमें आरोप है कि पति के द्वारा फोन पर तीन बार "तलाक तलाक" कहा गया और पत्नी को छोड़ दिया गया।
जिले की अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र के बारा गांव के रहने वाले मोहम्मद उसामा हसन ने पुलिस को दिए तहरीर में बताया कि उनकी बहन आफरीन खातून का निकाह 6 मई वर्ष 2024 को मुस्लिम रीति-रिवाज के अनुसार मोहम्मद जमीर निवासी ग्राम बारा से संपन्न हुआ था। निकाह के समय पीड़ित पक्ष द्वारा लगभग दस लाख रुपये दान-दहेज, करीब 13 तोला सोने के आभूषण, एक मोटरसाइकिल तथा गृहस्थी का पूरा सामान दिया गया था।
पीड़ित महिला के भाई के अनुसार शादी के कुछ ही समय बाद से आफरीन के पति मोहम्मद जमीर एवं सास तययबा द्वारा अतिरिक्त दहेज में एक क्रेटा कार तथा पाँच लाख रुपये की मांग को लेकर उत्पीड़न शुरू हो गया। पीड़िता की माता द्वारा कई बार आर्थिक असमर्थता जताने और समझाने के बावजूद ससुरालीजन अपनी मांग पर अड़े रहे और मारपीट एवं मानसिक प्रताड़ना का सिलसिला जारी रहा।
तहरीर में कहा गया है कि आफरीन को अपने पति के किसी अज्ञात महिला से अवैध संबंध होने की जानकारी भी मिली। विरोध करने पर पति और ससुरालीजनों का व्यवहार और अधिक अमानवीय हो गया। आफरीन ने घर-परिवार की इज्जत के चलते यह सोचकर इसे सहन किया कि स्थिति सुधरेगी, परंतु कोई सुधार नहीं हुआ।
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पति ने फोन पर पत्नी से तीन बार बोला "तलाक तलाक तलाक "
घटना के क्रम में दिनांक 29 नवंबर 2025 को करीब रात्रि 8:45 बजे सास तययबा ने दहेज को लेकर गाली-गलौज एवं मारपीट की। इसी दौरान पति मोहम्मद जमीर ने फोन पर आफरीन को तीन बार "तलाक" बोल दिया और कहा कि अब वह उसे नहीं रखेगा। जबकि मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 2019 के अंतर्गत तीन तलाक बोलना दंडनीय अपराध है। यह जानकारी आफरीन ने उसी समय फोन पर प्रार्थी को दी।
पीड़िता के भाई ने बताया कि ससुरालीजन दहेज न मिलने पर आफरीन को जिन्दा जला देने तथा प्रार्थी और उसकी माता को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। एक दिन पूर्व भी परिवार को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी गई थी, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध है। साथ ही, आफरीन के पिता के निधन के बाद उसके नाम दर्ज कुछ जमीन-जायदाद बेचकर पैसे सौंपने का दबाव भी ससुरालीजन लगातार बनाते रहे, और इनकार करने पर उसे प्रताड़ित किया गया। बहराल अकबरपुर कोतवाली पुलिस ने पीड़ित महिला के भाई की तहरीर पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।