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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने गन्ना किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए अगैती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 400 रुपये और सामान्य प्रजाति का 390 रुपये प्रति क्विंटल तय किया। इससे राज्य के किसानों को लगभग 3000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
गन्ना किसानों के लिए बड़ा तोहफा
Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने राज्य के गन्ना किसानों के लिए एक बड़ा आर्थिक तोहफा दिया है। सरकार ने अगैती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल और सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 390 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। यह निर्णय गन्ना मूल्य में 30 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी के रूप में आया है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस फैसले से राज्य के गन्ना किसानों को लगभग 3000 रुपये करोड़ का अतिरिक्त लाभ रुपये मिलने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान पिछले कई वर्षों से गन्ने के दाम बढ़ाने की मांग कर रहे थे। हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा गन्ने के मूल्य बढ़ाए जाने के बाद यूपी में भी किसानों की मांग तेज हो गई थी। इससे पहले पेराई सत्र 2021-22 में विधानसभा चुनाव से पहले अगैती प्रजातियों के दाम 350 रुपये और सामान्य प्रजाति के 340 रुपये प्रति क्विंटल तय किए गए थे। वर्ष 2023-24 के पेराई सत्र में यह मूल्य क्रमशः 370 रुपये और 370 रुपये तक बढ़ गए थे।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि किसानों को उर्वरक और पोषक तत्वों की समय पर और किफायती उपलब्धता रहे। केंद्रीय कैबिनेट ने रबी सीजन 2025-26 के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक (P&K) फर्टिलाइजर पर न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) की मंजूरी दी है। 37,952.29 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ, खरीफ 2025 की तुलना में लगभग 736 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इससे किसानों को DAP और NPKS ग्रेड जैसे क्वालिटी फर्टिलाइजर उचित दरों पर उपलब्ध होंगे।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि गन्ना मूल्य में यह बढ़ोतरी किसानों की आय बढ़ाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, किसानों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित होंगे।
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यूपी सरकार का यह फैसला गन्ना उत्पादन और किसान हितों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
गन्ना किसानों और कृषि समाज ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी खेती में लगने वाले खर्चों और लागत को संतुलित करने में मदद करेगी। वहीं, कृषि अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह कदम अगले वर्षों में गन्ना उत्पादन में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने में सहायक होगा।