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जिले के मंसूरपुर क्षेत्र में स्थित धामपुर बायो ऑर्गेनिक शुगर मिल पर IT ने छापा मारा। टीम भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ मिल परिसर में पहुंची और दस्तावेजों की जांच शुरू की। बताया जा रहा है कि कार्रवाई शिकायत पत्र के आधार पर हुई।
मुजफ्फरनगर में शुगर मिल पर छापा
Muzaffarnagar: जिले के थाना मंसूरपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली धामपुर बायो ऑर्गेनिक शुगर मिल की यूनिट पर बुधवार सुबह इनकम टैक्स विभाग (IT Department) की टीम ने छापा मारा। सुबह होते ही मिल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इनकम टैक्स विभाग की टीम करीब 6 वाहनों के काफिले के साथ मौके पर पहुंची और मिल को चारों ओर से घेर लिया। परिसर के मुख्य गेट पर सीआईएसएफ जवानों की तैनाती कर दी गई, ताकि किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश पूरी तरह रोका जा सके।
मुजफ्फरनगर में शुगर मिल पर छापा
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई विभाग को मिले शिकायती पत्र के आधार पर की गई है। आयकर विभाग को आशंका थी कि मिल के खातों में गड़बड़ी और टैक्स हेराफेरी से जुड़ा मामला सामने आ सकता है। आईटी विभाग की अलग-अलग टीमें धामपुर बायो ऑर्गेनिक ग्रुप की अन्य यूनिटों पर भी एक साथ छापेमारी कर रही हैं। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गाजियाबाद, मेरठ और बरेली से इस अभियान में शामिल हुए हैं।
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छापेमारी की जानकारी मिलते ही मिल प्रबंधन के बीच हड़कंप मच गया। आयकर विभाग की टीम ने सबसे पहले मिल के यूनिट हेड के कार्यालय को सील किया और वहीं से पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, टीम ने यूनिट हेड से कंपनी की बैलेंस शीट, वित्तीय लेनदेन और कर्मचारियों के वेतन भुगतान से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। कार्यालय के कंप्यूटर और लैपटॉप की भी जांच की जा रही है।
छापेमारी के दौरान मिल परिसर में भारी पुलिस बल और सीआईएसएफ जवानों को तैनात किया गया है। मिल के अंदर और बाहर किसी भी तरह की तस्वीर या वीडियो रिकॉर्डिंग पर रोक लगा दी गई है। मौके पर मौजूद स्थानीय सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग की टीम सुबह करीब 8 बजे मिल में पहुंची थी और दोपहर तक जांच का सिलसिला जारी रहा। पूरे परिसर में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों की निगरानी है।
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हालांकि छापेमारी को लेकर आयकर विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज और डिजिटल डाटा जब्त किए गए हैं। मिल प्रबंधन की ओर से भी अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक जांच के बाद ही यह तय किया जा सकेगा कि यह मामला टैक्स चोरी, फर्जी बिलिंग या अन्य आर्थिक अनियमितता से जुड़ा है।