हिंदी
भारत का सबसे बड़ा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) 30 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटित किया जाएगा। छह रनवे, 5,100 हेक्टेयर क्षेत्र, 186 विमानों की क्षमता और पर्यावरण-मित्र डिजाइन के साथ यह एयरपोर्ट भारत की उड़ान को नई ऊंचाई देगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
Greater Noida: अब वह ऐतिहासिक दिन आने वाला है, जिसका इंतजार पूरे देश को लंबे समय से था। आगामी 30 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सबसे बड़े और एशिया के दूसरे सबसे बड़े एयरपोर्ट नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन से पहले आज यानी शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद तैयारियों का जायजा लेने ग्रेटर नोएडा पहुंच रहे हैं।
6 रनवे वाला देश का पहला एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह भारत का पहला एयरपोर्ट होगा, जहां एक साथ छह रनवे होंगे। अभी तक देश के किसी भी हवाईअड्डे में इतने रनवे नहीं हैं- दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट में तीन रनवे हैं। छह रनवे होने से उड़ानों के टेकऑफ और लैंडिंग में काफी तेजी आएगी और हवाई यातायात पर दबाव कम होगा।
Pappu Yadav: बिहार चुनाव की सरगर्मियों के बीच पप्पू यादव के सामने नया संकट, महंगा पड़ा ये काम
एक साथ 186 विमान खड़े करने की क्षमता
यह एयरपोर्ट एक साथ 186 विमानों को पार्क करने की क्षमता रखता है। इसके लिए आधुनिक टर्मिनल डिज़ाइन और अत्याधुनिक ग्राउंड हैंडलिंग सिस्टम तैयार किया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए इंटरनेशनल स्तर के लाउंज, शॉपिंग एरिया और हाई-स्पीड कनेक्टिविटी की व्यवस्था की गई है।
5,100 हेक्टेयर भूमि पर फैला भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में इस एयरपोर्ट के विस्तार को मंजूरी दी है। अब यह एयरपोर्ट 5,100 हेक्टेयर भूमि पर विकसित किया जा रहा है, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन जाएगा। इस प्रोजेक्ट को चार चरणों में पूरा किया जा रहा है। पहले चरण में दो रनवे और यात्री टर्मिनल का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।
पेट्रोल-डीजल नहीं, सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट परिसर में पेट्रोल और डीजल का प्रयोग नहीं होगा। यहां चलने वाले सभी वाहन इलेक्ट्रिक होंगे। यह कदम भारत के नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
दिल्ली से जेवर तक मेट्रो और रैपिड रेल कनेक्टिविटी
दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट तक सीधा मेट्रो और रैपिड रेल कनेक्शन तैयार किया जा रहा है। यह रूट लगभग 80 किलोमीटर लंबा होगा, जिस पर तीन प्रकार की रेल सेवाएं चलेंगी- 114 किमी/घंटा की रफ्तार वाली रैपिड रेल, 80 किमी/घंटा की दूसरी तेज रैपिड रेल और 56 किमी/घंटा की मेट्रो सेवा। इस प्रोजेक्ट पर करीब 10,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसमें 22 मेट्रो तथा 7 रैपिड रेल स्टेशन होंगे।
हजारों पेड़ काटकर लाखों पौधे लगाए गए
एयरपोर्ट निर्माण के दौरान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया गया है। करीब 11,000 पेड़ों की कटाई हुई, लेकिन इसके बदले में 1.6 लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं, जिनकी देखभाल अगले 10 वर्षों तक यमुना प्राधिकरण करेगा। निर्माण के दौरान खत्म हुए 14 तालाबों के स्थान पर 27 नए तालाब बनाए जा रहे हैं। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले हिरण और सारस पक्षियों को करीब 15 किमी दूर सुरक्षित स्थानों पर बसाया गया है।