

लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के उपनिबंधक कार्यालयों पर आयकर विभाग की एक साथ छापेमारी हुई। 2022 से अब तक की रजिस्ट्री का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। संपत्ति खरीद में टैक्स चोरी और काले धन के इस्तेमाल की जांच जारी है।
आयकर विभाग की छापेमारी
Gorakhpur: उत्तर प्रदेश में मंगलवार की सुबह से तीन प्रमुख शहरों, लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर में उपनिबंधक प्रथम के कार्यालयों पर आयकर विभाग की टीमों ने एक साथ छापेमारी शुरु की है। आयकर विभाग ने वर्ष 2022 से बीते तीन वर्षों में कराई गई संपत्ति रजिस्ट्री की गहन जांच शुरू की है। सूत्रों के अनुसार, शहरों में हुई कुछ बड़ी रजिस्ट्री कराने वालों ने अपने आयकर रिटर्न में इन संपत्तियों को शामिल नहीं किया, जिसके बाद विभाग ने यह कार्रवाई शुरू की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आयकर विभाग की छह सदस्यीय विशेष टीम ने उपनिबंधक कार्यालयों में पहुंचकर रजिस्ट्री से संबंधित दस्तावेजों की जांच शुरू की। टीम के पास एक गोपनीय सूची मौजूद है, जिसमें संदिग्ध रजिस्ट्री कराने वालों के नाम और विवरण शामिल हैं। इस सूची के आधार पर दस्तावेजों का मिलान किया जा रहा है। जांच का मुख्य उद्देश्य उन लोगों की पहचान करना है, जिन्होंने संपत्ति खरीद के बावजूद आयकर रिटर्न में इसका उल्लेख नहीं किया।
सुबह 9 बजे पहुंची आयकर टीम
लखनऊ के उपनिबंधक कार्यालय में सुबह 9 बजे पहुंची आयकर टीम ने रजिस्ट्री रिकॉर्ड्स की गहन पड़ताल शुरू की। सूत्रों के मुताबिक, कुछ बड़े कारोबारी और प्रभावशाली लोगों द्वारा कराई गई रजिस्ट्री पर विशेष नजर रखी जा रही है। इसी तरह, वाराणसी और गोरखपुर में भी टीमें सक्रिय हैं।
क्यों हो रही जांच?
अधिकारियों ने बताया कि यह जांच संपत्ति के मूल्य, भुगतान के स्रोत और रजिस्ट्री की प्रक्रिया में अनियमितताओं पर केंद्रित है। आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह कार्रवाई काले धन के उपयोग और टैक्स चोरी को रोकने के लिए की जा रही है। विभाग को संदेह है कि कई रजिस्ट्री में संपत्ति का मूल्य कम दिखाया गया या नकद लेनदेन को छिपाया गया। जांच में ऐसे मामलों का खुलासा होने पर संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस छापेमारी से शहर के प्रॉपर्टी बाजार में हड़कंप मच गया है। अब कई लोग अब अपने दस्तावेजों को जांच के लिए तैयार करने में जुट गए हैं। आयकर विभाग ने स्पष्ट किया कि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाएगी और दोषियों को चिह्नित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।