

रक्षाबंधन से पहले गोरखपुर खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर के खाद्य प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर 10 खाद्य उत्पादों के नमूने जांच के लिए भेजे हैं। खजनी और सदर क्षेत्रों में की गई इस कार्रवाई का उद्देश्य त्योहारों पर मिलावट रोकना और उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना है। जांच रिपोर्ट आने पर दोषी प्रतिष्ठानों पर सख्त कार्रवाई होगी।
रक्षाबंधन से पहले गोरखपुर में मिलावटखोरों पर शिकंजा
Gorakhpur News: रक्षाबंधन जैसे पवित्र पर्व से पूर्व गोरखपुर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मिलावट के संभावित मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए खाद्य प्रतिष्ठानों पर औचक छापेमारी की है। यह छापेमारी सहायक आयुक्त (खाद्य) डॉ. सुधीर कुमार सिंह के निर्देश और मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी के नेतृत्व में की गई। इस कार्रवाई से जहां मिलावटखोरों में खलबली मच गई है, वहीं आम उपभोक्ताओं ने राहत की सांस ली है।
त्योहारों से पहले सख्ती, दो क्षेत्रों में छापेमारी
त्योहारी मौसम में खाद्य मिलावट की संभावना को देखते हुए यह अभियान चलाया गया। छापेमारी खजनी और सदर तहसील क्षेत्र में की गई, जहां विभिन्न प्रकार के दूध एवं दुग्ध उत्पादों के साथ-साथ पैक्ड मसालों, चाउमिन और फालूदा जैसे ब्रांडेड खाद्य उत्पादों के नमूने एकत्र किए गए।
प्रमुख प्रतिष्ठानों से लिए गए नमूने
इन प्रतिष्ठानों से कुल 10 खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए हैं। जिन्हें लखनऊ स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है।
उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की प्राथमिकता
खाद्य सुरक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान सिर्फ कार्रवाई के लिए नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए एक एहतियाती कदम है। त्योहारों के समय में बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थों की आवक बढ़ जाती है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी हितेंद्र मोहन त्रिपाठी ने कहा, "हमारी टीम हर त्योहार से पहले बाजार में सक्रिय रूप से मिलावट की जांच करती है, जिससे उपभोक्ता स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य सामग्री का उपभोग कर सकें।"
जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
सहायक आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने जानकारी दी कि सभी नमूने प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेज दिए गए हैं। "यदि कोई नमूना निर्धारित मानकों पर खरा नहीं उतरता, तो संबंधित प्रतिष्ठान के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।"
जनता में भरोसा, मिलावटखोरों में बेचैनी
इस छापेमारी अभियान से जहां आम जनता को खाद्य पदार्थों की शुद्धता को लेकर भरोसा मिला है, वहीं मिलावट कर लाभ कमाने वाले कारोबारी अब प्रशासन की सख्ती से परेशान नजर आ रहे हैं। स्थानीय उपभोक्ताओं ने विभाग की इस मुहिम की सराहना की और मांग की कि इस प्रकार की नियमित निगरानी से मिलावट पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकेगी।