

गोरखपुर में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े गैंग के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। तीन कुख्यातों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है। जानिये कैसे चलता था पूरा गैंग
गोरखपुर: लोगों को नौकरी का झांसा देकर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जनपद गोरखपुर में भी एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां नौकरी का लालच देकर एक गैंग द्वारा बड़े पैमाने पर लोगों से ठगी की गई। पुलिस ने इस गैंग के खिलाफ अब एक्शन लिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने गैंग का भंडाफोड़ करते हुए गैंग के तीन लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गोरखपुर राज करन नय्यर के निर्देश पर चलाए जा रहे अभियान के तहत पुलिस ने गैंग लीडर रविन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव सहित तीन अपराधियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। अन्य दो आरोपी रविन्द्र की पत्नी दिव्या श्रीवास्तव और गौरव श्रीवास्तव हैं।
शिकायत करने से कतराते थे लोग
पुलिस अधीक्षक नगर के मार्गदर्शन और क्षेत्राधिकारी गोरखनाथ के पर्यवेक्षण में शाहपुर पुलिस ने इस गैंग के खिलाफ एक्शन लिया। पुलिस के अनुसार, रविन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को नौकरी का झांसा देकर विश्वास में लेता था और फिर धोखाधड़ी कर उनके पैसे हड़प लेता था। इस गैंग का आतंक इतना था कि आम लोग डर के कारण शिकायत करने से भी कतराते थे। जिला मजिस्ट्रेट गोरखपुर की मंजूरी से तैयार गैंग चार्ट के आधार पर थाना शाहपुर में मुकदमा संख्या 330/25, धारा 2 (ख) (I) (VIII) (XI)/3 (1) गैंगस्टर एक्ट 1986 के तहत मामला दर्ज किया गया।
अभियुक्तों की संपत्ति की जांच
मामले का खुलासा करते देते हुए पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों ने कई लोगों को नौकरी का लालच देकर लाखों रुपये ठगे। इस संबंध में थाना शाहपुर में दो मुकदमे (391/2024 और 392/2024) धारा 406, 504, 506 भादवि के तहत पहले से दर्ज हैं। गैंग लीडर रविन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव (निवासी देवनगरी कॉलोनी, शाहपुर) और उनकी पत्नी दिव्या श्रीवास्तव के खिलाफ दोनों मुकदमों में नाम है, जबकि गौरव श्रीवास्तव (निवासी विष्णुपुरम, शाहपुर) के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज है।एसएसपी ने बताया कि इस कार्रवाई का उद्देश्य संगठित अपराधों पर अंकुश लगाना और जनता में विश्वास बहाल करना है।पुलिस अब इन अभियुक्तों की संपत्ति की जांच कर रही है, ताकि अवैध कमाई को जब्त किया जा सके। इस कार्रवाई से क्षेत्र में अपराधियों के बीच हड़कंप मच गया है।