बरेली धर्मांतरण गिरोह का खुलासा: 13 राज्यों में फैला नेटवर्क, 200 से अधिक मौलाना शामिल, जानें खतरनाक एजेंडे के बारे में सबकुछ

बरेली में सामने आए धर्मांतरण गिरोह के तार देशभर के 13 राज्यों से जुड़े हैं, जिसमें 200 से अधिक मौलाना शामिल हैं। सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को बरगलाने और शादी के माध्यम से धर्मांतरण कराने की पुष्टि हुई है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 28 August 2025, 1:56 PM IST
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Bareilly: बरेली में पकड़े गए धर्मांतरण गिरोह का जाल बेहद गहरा और खतरनाक रूप से व्यापक होता जा रहा है। अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि इस गिरोह में 200 से अधिक मौलाना शामिल हैं और इसका नेटवर्क देश के 13 राज्यों में फैला है। गिरोह का संचालन कर रहे मौलानाओं का संपर्क दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश से भी सामने आया है। पुलिस और खुफिया इकाइयों ने इस मामले की तह में जाकर हवाला कारोबार, मादक पदार्थों की तस्करी और सोशल मीडिया प्रोपेगेंडा के भी लिंक खोज निकाले हैं।

गिरोह के सरगना मौलाना अब्दुल मजीद, उसके सहयोगी सलमान, आरिफ, फईम को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जबकि पांचवां आरोपी महबूब बेग, जो गिरोह का अहम हिस्सा बताया जा रहा है, अब भी फरार है। महबूब बेग बरेली के इज्जतनगर क्षेत्र का निवासी है और अब्दुल मजीद तथा अन्य सदस्यों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाता था।

दक्षिण भारत से जुड़े फोन कॉल और संदिग्ध बैंक लेन-देन

पुलिस जांच में सामने आया है कि अब्दुल मजीद की कॉल डिटेल्स में तेलंगाना, केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र के लैंडलाइन नंबरों पर लगातार संपर्क किया गया है। मजीद और उसकी पत्नी के पांच बैंक खातों की जांच में करीब 13.20 लाख रुपये की रकम मिली है, जिस पर हवाला लेनदेन की आशंका जताई जा रही है। पुलिस इस राशि के स्रोत और उपयोग की विस्तृत जांच कर रही है।

धर्मांतरण का खतरनाक तरीका

जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि अब्दुल मजीद ने अपनी बहन आयशा का निकाह आगरा के हिंदू युवक पीयूष से कराया और बाद में उसका धर्मांतरण कर मोहम्मद अली बना दिया गया। पीयूष और उसके परिजनों को गिरोह का हिस्सा बना लिया गया। इससे पहले भी आगरा में एक धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश हुआ था, जिसमें पीयूष को गिरफ्तार किया गया था।

Bareilly Conversion Case

धर्मांतरण गिरोह का खतरनाक एजेंडा उजागर (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

सोशल मीडिया के जरिए प्रचार और कट्टरपंथी एजेंडा

गिरोह के सदस्य व्हाट्सएप, फेसबुक और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स पर दर्जनों ग्रुप संचालित करते थे। इन ग्रुप्स के माध्यम से भगोड़े इस्लामी प्रचारक जाकिर नाइक के वीडियो, ऑडियो और कट्टरपंथी विचार साझा किए जाते थे। साथ ही कुछ हिंदू लेखकों का मुस्लिम झुकाव दर्शाने वाला साहित्य भी पोस्ट किया जाता था। इन ग्रुप्स में समुदाय विशेष की लड़कियों की तस्वीरें और वीडियो भी शेयर किए जाते थे, जिनका उद्देश्य युवाओं को भ्रमित कर धर्मांतरण की ओर प्रेरित करना था।

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गुप्त एजेंसियां और पुलिस कर रही गहन छानबीन

खुफिया एजेंसियां अब्दुल मजीद की देशभर की यात्राओं की जानकारी जुटा रही हैं। अब तक विदेश यात्रा का कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन देश के 13 से अधिक राज्यों में उसकी गतिविधियां दर्ज की गई हैं। साथ ही मजीद के संपर्क में रहने वाले नशीले पदार्थों के तस्करों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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सुभाषनगर में एक और हिंदू परिवार का धर्मांतरण

जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि सुभाषनगर थाना क्षेत्र के करेली निवासी ब्रजपाल साहू समेत उनके पूरे परिवार का धर्मांतरण कराया गया। अब ब्रजपाल को अब्दुल्ला, बहन राजकुमारी को आयशा और मां ऊषा को अमीना नाम दिया गया है। पुलिस को इसी इलाके में एक और हिंदू परिवार के धर्मांतरण की जानकारी मिली है, जो फिलहाल लापता है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

पुलिस और खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि गिरोह के अन्य सदस्य अब भी सक्रिय हैं और जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह नेटवर्क केवल धर्मांतरण तक सीमित नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है।

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