

वारसी इंटर कॉलेज, देवा शरीफ के प्रबंध समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमे छात्रों को खास संदेश दिया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में शिक्षा की ओर पहल की गई है। जहां इसी कड़ी में छात्रो को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी (District Magistrate Shashank Tripathi) की अध्यक्षता में वारसी इंटर कॉलेज, देवा शरीफ के प्रबंध समिति की बैठक बुधवार को कॉलेज परिसर में संपन्न हुई। इस बैठक में विद्यालय की शैक्षणिक, प्रशासनिक तथा भौतिक प्रगति के साथ-साथ आगामी सत्र की योजनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालय में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए शिक्षण पद्धति को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाकर विद्यार्थियों को एक आधुनिक, सुरक्षित और प्रेरणादायक शैक्षणिक वातावरण प्रदान किया जाना अत्यंत आवश्यक है।इस हेतु विद्यालय का अनुशासन एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने प्रधानाचार्य को विद्यालय के अनुशासन हेतु आवश्यक कदम उठाने तथा सभी अध्यापको की जिम्मेदारी निर्धारित करने के निर्देश दिए।
बैठक में यह भी तय किया गया कि विद्यालय में रिक्त पदों पर योग्य शिक्षकों की पूर्ति स्थानान्तरण के माध्यम से की जाय जिससे पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि अग्रिम बैठक में विद्यालय के आय व्यय का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया जाय। इन दौरान उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक से कहा कि विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं सहित अन्य कार्यो को प्रोजेक्ट अलंकार के तहत दुरुस्त कराया जाय।
प्रबंध समिति की बैठक में सभी सदस्यों ने विद्यालय के समग्र विकास के संबंध में अपने महत्वपूर्ण सुझाव साझा किए। बैठक में सभी सदस्यों ने जिलाधिकारी द्वारा दिए गए मार्गदर्शन को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/आईएएस तेजस के., जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, समिति के सम्मानित सदस्यगण एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता, बुनियादी ढांचे एवं छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष चर्चा हुई। सभी ने मिलकर विद्यालय को आदर्श विद्यालय बनाने का संकल्प लिया।
कॉलेजों में डीएम (जिला मजिस्ट्रेट) द्वारा समीक्षा बैठकें आयोजित करने के कई लाभ हैं। इससे कॉलेजों की गतिविधियों की निगरानी, उनकी प्रगति का मूल्यांकन और सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाने में मदद मिलती है।