बांदा में साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़: फर्जी आधार-पैन और GST से ऑनलाइन ठगी, दो शातिर गिरफ्तार

साइबर क्राइम थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन ठगी करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। फर्जी आधार, पैन कार्ड, GST नंबर और QR कोड के जरिए लोगों से ठगी की जा रही थी।यह कार्रवाई प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई है।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 18 December 2025, 10:22 AM IST
google-preferred

Banda: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा साइबर अपराधियों के खिलाफ अपनाई गई “जीरो टॉलरेंस टुवर्ड फ्रॉडस्टर्स” नीति के तहत बांदा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। साइबर क्राइम थाना बांदा की टीम ने ऑनलाइन ठगी करने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य, फर्जी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं।

विशेष अभियान

यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप साइबर अपराधों पर सख्त नियंत्रण के लिए चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है। पुलिस अधीक्षक बांदा पलाश बंसल के निर्देशन में, अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज और क्षेत्राधिकारी साइबर सौरभ सिंह के निकट पर्यवेक्षण में साइबर अपराधियों की धरपकड़ के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

शिकायत से हुआ बड़े रैकेट का खुलासा

दरअसल, इस मामले का खुलासा 16 दिसंबर को उस समय हुआ, जब भगत सिंह निवासी जवाहर नगर, बांदा ने साइबर क्राइम थाने में सूचना दी। उन्होंने बताया कि उनके मित्र वरुण अग्रवाल, जो कानपुर नगर के निवासी और बालाजी ट्रेडर्स के प्रोपराइटर हैं, उनके GST दस्तावेजों का फर्जी तरीके से उपयोग कर ऑनलाइन ठगी की जा रही है। आरोप था कि अनिल और चंद्रकिशोर नामक दो व्यक्ति फर्जी GST नंबर और कूटरचित कागजात के सहारे लोगों को ऑनलाइन सामान बेचने का झांसा दे रहे थे।

आपसी सहमति से तलाक पर दिल्ली हाई कोर्ट का अहम फैसला, इस बात पर जताई आपत्ति, पढ़ें पूरी खबर

तकनीकी जांच के बाद दबोचे गए आरोपी

सूचना की गंभीरता को देखते हुए साइबर क्राइम थाना बांदा में तत्काल मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस टीम ने डिजिटल ट्रैकिंग, मोबाइल डाटा विश्लेषण और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू की। 17 दिसंबर को मुखबिर की सूचना और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर दोनों अभियुक्तों को तिंदवारा बाइपास के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।

Police recovered the stolen goods

पुलिस ने बरामद किया सामान

पूछताछ में कबूला जुर्म

पुलिस पूछताछ में दोनों अभियुक्तों ने अपना जुर्म स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि वे कूटरचित आधार कार्ड, फर्जी पैन कार्ड, अवैध रूप से तैयार QR कोड और GST नंबर का दुरुपयोग कर आम नागरिकों को ऑनलाइन सामान बेचने का झांसा देते थे। भुगतान प्राप्त होते ही वे संपर्क तोड़ लेते थे, जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता था।

भारी मात्रा में डिजिटल और फर्जी दस्तावेज बरामद

अभियुक्तों की निशानदेही पर पुलिस ने बड़ी मात्रा में ठगी में प्रयुक्त सामग्री बरामद की है। इसमें मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड किट, आधार-पैन कार्ड, पासबुक, स्वाइप मशीन, लैपटॉप, मॉनिटर, CPU, फिंगर प्रिंट स्कैनर और अकाउंट किट शामिल हैं। इसके अलावा 510 रुपये नकद भी बरामद किए गए हैं, जो ठगी से संबंधित बताए जा रहे हैं।

बलिया में देर रात पुलिस मुठभेड़: गौतस्कर के बाएं पैर में लगी गोली, जौनपुर का आरोपी गिरफ्तार

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में अनिल कुमार, पुत्र बच्चाप्रसाद, (निवासी ग्राम तिंदवारा, थाना कोतवाली नगर, जनपद बांदा), चंद्रकिशोर पुत्र मनीराम, (निवासी ग्राम तिंदवारा, थाना कोतवाली नगर, जनपद बांदा) शामिल हैं।

दोनों अभियुक्तों के खिलाफ थाना साइबर क्राइम बांदा में मु00सं0 16/25 के तहत बीएनएस की धाराओं 338, 336(3), 340(2) और आईटी एक्ट की धारा 66D में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोग कौन-कौन हैं और ठगी का नेटवर्क कितना बड़ा है।

जनता से सतर्क रहने की अपील

पुलिस अधिकारियों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे ऑनलाइन लेनदेन के दौरान सतर्क रहें, अज्ञात लिंक या फर्जी ऑफर्स से बचें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत साइबर क्राइम पुलिस को दें। 

Location : 
  • Banda

Published : 
  • 18 December 2025, 10:22 AM IST