

बलरामपुर के थाना पचपेड़वा की पुलिस ने एक दुकान में चोरी हुए दो बोरी सिक्कों की चोरी का खुलासा 24 घंटे के भीतर कर चोरी करने वाले अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है। थाना पचपेड़वा में तहरीर दी उसकी दुकान से दो बोरी सिक्के तीन शेड का नेट बोल्ट खोल कर चोरी कर लिया गया है।
पुलिस गिरफ्त में आरोपी
Balrampur: बलरामपुर के थाना पचपेड़वा की पुलिस ने एक दुकान में चोरी हुए दो बोरी सिक्कों की चोरी का खुलासा 24 घंटे के भीतर कर चोरी करने वाले अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पाण्डेय ने बताया कि अब्दुल मजीद ने थाना पचपेड़वा में तहरीर दी उसकी दुकान से दो बोरी सिक्के तीन शेड का नेट बोल्ट खोल कर चोरी कर लिया गया है।
शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस चोरी के मामले में सद्दाम को पुराना बाजार से गिरफ्तार किया। जिसके पास से हर तरह के सिक्के मिलाकर 33,530 रुपए बरामद हुए।
सद्दाम ने पुलिस को बताया कि उसने जिस दुकान में चोरी की है वह वही काम करता है। मैने दुकान मालिक से 15 हजार रुपए उधार लिए थे जिसे दुकान मालिक अब्दुल मजीद रोज मांगा करता था।
मालिक का दबाव पैसों के लिए रोज बढ़ता जा रहा था। मैने दुकान में देखे कि दो बोरे सिक्के भरे रखे है, जिस पर उसने चोरी का प्लान बनाया और रात में टीन शेड का नेट बोल्ट खोलकर चोरी की।
एक करोड़ की साइबर ठगी
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो साइबर क्राइम में उपयोग होने वाले दस्तावेजों को साइबर ठगी करने वाले गिरोह तक पहुंचाते थे। इन गिरोह के सदस्यों ने चार महीनों में साइबर ठगी कर एक करोड़ रुपए से अधिक फेसलेस ट्रांजैक्शन 16 खातों में करवाए है।
यह जानकारी देते हुए एसपी विकास कुमार ने बताया कि थाना ललिया क्षेत्र की पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए ऐसे गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो साइबर ठगों को अवैध तरह से पासबुक, चेक बुक, एटीएम कार्ड व मोबाइल सिम उपलब्ध करवाते थे।
एसपी विकास कुमार ने बताया कि थाना ललिया में उप निरीक्षक बब्बन यादव ने तहरीर दी कि थाना क्षेत्र में सत्यदेव सहित अन्य पांच लोगों द्वारा आम जनता को गुमराह कर साइबर ठगों उनके दस्तावेज पहुंचाए जा रहें है।
उप निरीक्षक ने तहरीर में आरोप लगाया था कि इन अपराधियों द्वारा आम जनता को गुमराह कर उनके बैंक खाते खुलवाए जाते है। जिसके बाद उन खातों का डिटेल, चेकबुक एटीएम कार्ड तथा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के सिम को पैक कर बसों के माध्यम से साइबर ठगों तक पहुंचाते थे। जिसका उपयोग साइबर ठग लोगो से ठगी करने में करते थे।