हिंदी
बलरामपुर पुलिस ने ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ अभियान के तहत 1995 के बूथ में मतपेटिका में पानी डालने के मामले में तीन अभियुक्तों को दोषी ठहराया। अदालत ने उन्हें जेल की सजा और प्रत्येक को 3500 रुपये का अर्थदंड दिया।
प्रतीकात्मक तस्वीर
Balrampur: उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाए जा रहे 'ऑपरेशन कनविक्शन' अभियान के तहत पुराने मामलों में प्रभावी न्याय दिलाने का कार्य जारी है। इसी कड़ी में बलरामपुर पुलिस ने 1995 के एक मामले में तीन अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए जेल और अर्थदंड की सजा सुनाई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलरामपुर की अदालत ने निर्णय देते हुए ननकऊ उर्फ योगेन्द्र पुत्र कन्हैया सिंह, झुल्लुर पुत्र कप्तान सिंह और पिंकू सिंह पुत्र कृष्ण सिंह को दोषी पाया। अभियुक्तों ने बूथ में घुसकर मतपेटिका में पानी डालने जैसी गंभीर कार्रवाई की थी। न्यायालय ने उन्हें जेल में बिताई गई अवधि और प्रत्येक को 3500 रुपये का अर्थदंड देने का आदेश दिया।
यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के निर्देशन में चल रही मॉनिटरिंग सेल और अभियोजन पक्ष द्वारा किए गए प्रभावी पैरवी का नतीजा है। अभियान का उद्देश्य पुराने और गंभीर मामलों में दोषियों को सजा दिलाना और न्याय सुनिश्चित करना है।
दरअसल, यह मामला 12 अप्रैल 1995 का है, जब वादी अवध बिहारी ने थाना कोतवाली नगर में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि अभियुक्त ननकऊ, झुल्लुर और पिंकू सिंह लाठी-डंडा लेकर मतपेटिका में पानी डालने के लिए बूथ में घुस गए थे। इस घटना के बाद तत्कालीन पुलिस ने मामला दर्ज किया और लंबी जांच के बाद आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
विचारण के दौरान अभियोजन अधिकारी सुरेश कुमार शर्मा, मॉनिटरिंग सेल प्रभारी बृजानंद सिंह और थाना कोतवाली नगर की टीम ने मिलकर मजबूती से पैरवी की। अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अभियुक्तों को दोषी करार दिया और सजा सुनाई। यह कार्रवाई 'ऑपरेशन कनविक्शन' के तहत पुराने और गंभीर मामलों में त्वरित और प्रभावी न्याय सुनिश्चित करने के पुलिस के संकल्प को दर्शाती है। जिसमें न्यायालय ने जेल में बिताई गई अवधि और प्रत्येक को 3500 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।