Balrampur Fraud: षड्यंत्र कर बेशकीमती जमीन का एग्रीमेंट कराने वाले गैंग के आठ सदस्य गिरफ्तार

बलरामपुर जिले के थाना उतरौला क्षेत्र में पुलिस ने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे बेशकीमती जमीन को धोखाधड़ी कर एग्रीमेंट कराने वाले गैंग के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने प्राप्त तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू की।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 19 July 2025, 6:39 PM IST
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Balrampur: बलरामपुर जिले के थाना उतरौला क्षेत्र में पुलिस ने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे बेशकीमती जमीन को धोखाधड़ी कर एग्रीमेंट कराने वाले गैंग के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

यह जानकारी पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने दी है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले गैंग के आठ ऐसे सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी दस्तावेजों के सहारे बेशकीमती जमीन का एग्रीमेंट करवा लेते है।

एसपी ने बताया उतरौला थाने में हकीकुल्ला ने तहरीर दी कि अरशद व उसके सहयोगियों ने ग्राम बसावन बनकट में तीन बीघे जमीन को 45 लाख रुपए में दिलवाने की बात कहकर 15 लाख रुपए एडवांस ले लिया था।

20 दिसंबर 2023 को जमीन के मालिक ननकन के स्थान पर अन्य व्यक्ति को खड़ा कर उपनिबंधक कार्यालय में एग्रीमेंट करवा दिया था।

पुलिस ने प्राप्त तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर जांच शुरू की।

जांच के आधार पर पुलिस ने अरशद, अरमान, गुलाम अली को शहजानी मोड उतरौला से तथा मुराद अली, भास्कर सिंह को जगदेव पुरैना वाजिद मोड़ थाना श्रीदत्तगंज से व सीताराम, ननकन एवं शाहबुद्दीन को रेहरा रोड पकड़ी पुल के पास गिरफ्तार किया है।

गिरफ्तारी के बाद अरशद ने पुलिस को बताया कि उसने हकीकुल्ला को जमीन दिलाने के लिए गुलाम नवी व अरमान से संपर्क किया था। हम तीनों ने मिलकर हकीकुल्ला को तीन बीघा जमीन दिखाई, जमीन पसंद आने पर हम लोगो ने हकीकुल्ला को शाहबुद्दीन व मुराद अली से यह कहकर मिलवाया कि जमीन यही लोग दिलवाएंगे।

जिसके बाद सीताराम जो जमीन के मालिक ननकन को जनता था, से 45 लाख में सौदा तय किया गया। जिसमें 15 लाख रुपए अग्रिम राशि व शेष राशि तीन साल के भीतर पूरा रूपया देने पर बैनामे करने का एग्रीमेंट करने की बात तय की गई।

जीमन का सौदा होने के बाद हकीकुल्ला ने ननकन के खाते में छह लाख, शाहबुद्दीन के खाते में पांच लाख व अरशद, अरमान, मुराद अली, शाहबुद्दीन तथा गुलाम अली को चार लाख रुपए नकद दिया गया।

पैसा मिल जाने के बाद सीताराम ने भास्कर सिंह से संपर्क कर फर्जी ननकन बनने के लिए एक व्यक्ति की तलाश करने की बात कही। जिसपर भास्कर सिंह ने धर्मेंद्र कुमार सिंह को फर्जी ननकन बनने के लिए तैयार किया। इस तरह निबंधक कार्यालय में ननकन की जगह फर्जी धर्मेंद्र को खड़ा कर फर्जी दस्तावेजों के सहारे एग्रीमेंट किया और सारा रुपया आपस में बांट लिया।

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