

बलरामपुर विशेष सत्र न्यायाधीश ने एक महिला से दुष्कर्म करने वाले दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने दो अन्य लोगों को अनुसूचित जाति की महिला को धमकी देने पर एक-एक वर्ष कैद से दंडित किया है।
बलरामपुर विशेष सत्र न्यायालय
Balrampur: बलरामपुर में दुराचार के मामले में एस.सी./एस.टी. के मामले मे विशेष न्यायाधीश सुमित प्रेमी ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनायी। वही दो अन्य अभियुक्तों को दुराचार के अपराध से दोषमुक्त करार देते हुये, अन्य धाराओ मे एक-एक वर्ष का कारावास एवं 1-1 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार अपर शासकीय अधिवक्ता लहेरी की वादी मुकदमा ने थाना बलिया मे 2022 को दर्ज कराये मुकदमे मे गाँव के ही बंटू उर्फ मनोष कुमार यादव, अशोक कुमार पुत्र गण मेशाराम यादव व विनोद उर्फ अनिल कुमार पुडा त्रिवेणी यादव पर आरोप लगाया कि अभियुक्तों ने उसके साथ दुराचार किया एवं शिकायत करने पर घर आकर उसे व उसके पति को जातिसूचक गाली देते हुए जान से मारने की धमकी दी।
न्यायालय में विशेष लोक अभियोजक एससीएसटी एक्ट विजय आर्या और रणधीर सिंह ने तीन गवाहों का बयान दर्ज कराया। न्यायालय में विचारण के दौरान आरोपितों ने स्वयं को निर्दोष बताया जबकि अभियोजन की ओर से मामले को गम्भीर प्रकृति का बताते हुये कठोर सजा दिये जाने की मांग की गई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायलय में आजीवन कारावास एवं 5000/- रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई। वही अशोक कुमार व विनोद उर्फ अनिल कुमार को दुराचार के आरोपो से मुक्त करते हुवे जानमाल की धमकी देने व एस.सी./एस.टी. के मामले मे एक-एक वर्ष के कारावास व 1000/-, 1000/-रू के जुर्माने सजा सुनाई।