

उच्च प्राथमिक विद्यालयों को पेयरिंग अथवा मर्जिंग के नाम पर बंद करने की सरकारी योजना के विरोध में प्रगतिशील विश्व मौर्य परिषद ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।
गरीब छात्रों की शिक्षा सुरक्षा की आवाज
बहराइच: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को पेयरिंग अथवा मर्जिंग के नाम पर बंद करने की सरकारी योजना के विरोध में प्रगतिशील विश्व मौर्य परिषद ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। इसी क्रम में परिषद की जिला इकाई ने जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार मौर्य के नेतृत्व में महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक,उच्च प्राथमिक विद्यालयों को पेयरिंग अथवा मर्जिंग के नाम पर बंद करने की सरकारी योजना के विरोध में प्रगतिशील विश्व मौर्य परिषद ने कड़ा रुख अख्तियार किया है।
बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर
जानकारी के मुताबिक, ज्ञापन में मांग की गई कि ग्रामीण अंचलों में संचालित छोटे विद्यालयों को मर्जिंग या पेयरिंग के नाम पर बंद न किया जाए, क्योंकि यह सीधे तौर पर गरीब, मजदूर, वंचित, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चों की शिक्षा पर प्रतिकूल असर डालेगा।
शिक्षक द्वारा पांच कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना
प्रदेश अध्यक्ष आशीष कुमार मौर्य ने कहा कि सरकार जिन विद्यालयों को मर्ज कर बंद करने की तैयारी में है, उनमें पढ़ने वाले छात्र मुख्यतः किसान, श्रमिक, दलित, वंचित और झुग्गी-बस्तियों के बच्चे हैं। ये वही बच्चे हैं जिनके पोषण के लिए सरकार मिड डे मील जैसी योजनाएं चला रही है। ऐसे में स्कूल बंद होने से इनकी शिक्षा ही नहीं, पोषण भी प्रभावित होगा।उन्होंने आगे कहा, “सिर्फ़ एक शिक्षक द्वारा पांच कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाना व्यावहारिक नहीं है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता और बच्चों का भविष्य दोनों संकट में आ जाएगा।”
सरकार से विद्यालयों को बंद न करने की मांग
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान जिला कार्यकारिणी के सदस्य संतोष कुमार मौर्य, जिला सचिव संजय कुमार मौर्य, सोशल मीडिया प्रभारी सर्वेश मौर्य, सोनू मौर्य, उमेश मौर्य, दीपक मौर्य सहित कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक सुर में सरकार से विद्यालयों को बंद न करने की मांग की।