

आजमगढ़ में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग द्वारा बैठक आयोजित की गई, जिसमें खाद्य कारोबारियों पर जुर्माना और 15 दवाइयों की दुकानों का निलंबन किया गया। 216 खाद्य नमूनों में से 47% फेल पाए गए। इसके अलावा, 76 कारोबारियों को ईट राइट इण्डिया योजना के तहत 3 से 5 स्टार हाईजीन रेटिंग दी गई।
आजमगढ़ खाद्य और औषधि प्रशासन की बैठक
Azamgarh: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में आयोजित खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता एडीएम प्रशासन राहुल विश्वकर्मा ने की। बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुशील कुमार मिश्र ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान 216 खाद्य नमूनों के परीक्षण की जानकारी दी। इनमें से 47 प्रतिशत नमूने गुणवत्ता में असफल पाए गए, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि खाद्य सुरक्षा के मामलों में गंभीर कमी है। इसके अलावा, 104 खाद्य कारोबारियों पर मिलावट के आरोप में 21.46 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
अभिहित अधिकारी ने बताया कि इन दंडों के साथ-साथ एक खाद्य कारोबारी को न्यायिक न्यायालय द्वारा छह माह की कारावास और 1,000 रुपये के जुर्माने की सजा दी गई। इसके अलावा, 76 कारोबारियों को खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण की 'ईट राइट इण्डिया इनिशिएटिव' के तहत 3 से 5 स्टार हाईजीन रेटिंग प्राप्त कराई गई। यह आडिट बाहरी आडिट एजेंसियों द्वारा किया गया था, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि इन दुकानों में उच्च मानक की सफाई और सुरक्षा व्यवस्था है।
अधिकारियों ने बताया कि पिछले वर्ष विभाग द्वारा निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें 254 खाद्य कारोबारियों को खाद्य सुरक्षा से संबंधित विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया और फॉस्टैक प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि खाद्य सुरक्षा विभाग जागरूकता पर विशेष ध्यान दे, ताकि खाद्य कारोबारियों द्वारा की जा रही गलतियों को सुधारा जा सके और ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सके।
बैठक में औषधि निरीक्षण पर भी चर्चा की गई। औषधि निरीक्षक सीमा वर्मा ने जिले की दवाइयों की दुकानों का निरीक्षण किया और पाया कि कई दुकानों में गंभीर खामियां थीं। इसके बाद, औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी ने 15 दवाइयों की दुकानों को निलंबित कर दिया। इन दुकानों में मेसर्स अग्रवाल दवा घर, मेसर्स शिफा मेडिकल स्टोर, मेसर्स सिंघल मेडिकल्स, मेसर्स बाबा मेडिकल्स, और अन्य दुकानों को निलंबित किया गया।
इस प्रकार, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग द्वारा उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट है कि शासन स्वास्थ्य और सुरक्षा के मामलों में गंभीर है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।