रामपुर में महिला बीएलओ पर हमला: मतदाता सूची से नाम हटाने से किया इनकार, दबंगों ने परिवार को पीटा

रामपुर जिले में मतदाता सूची में हेराफेरी न करने पर महिला बीएलओ के परिवार पर दबंगों ने जानलेवा हमला कर दिया। लाठी-डंडों से किए गए इस हमले में बीएलओ का बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 14 September 2025, 3:04 PM IST
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Rampur: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में लोकतंत्र की रक्षा कर रही एक महिला बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को अपनी ईमानदारी की कीमत चुकानी पड़ी। मतदाता सूची से कुछ नामों को हटाने से इनकार करने पर गांव के दबंगों ने न केवल उन्हें, बल्कि उनके पूरे परिवार को निशाना बना डाला।

वोटर लिस्ट से नाम काटो!

घटना रामपुर जिले के थाना क्षेत्र मिलककाजी के गांव धनपुर शाहादरा की है। यहां की निवासी सीमा रानी बतौर बीएलओ कार्यरत हैं। शनिवार देर रात गांव के ही सगे भाई अशोक और ऊदल सिंह उर्फ कलुआ उनके घर पहुंचे। दोनों ने सीमा पर दबाव बनाया कि वह गांव के कुछ लोगों के नाम वोटर लिस्ट से निरस्त करें। सीमा ने जब नियमों का हवाला देते हुए इनकार किया तो दोनों ने गाली-गलौज शुरू कर दी।

रामपुर में महिला बीएलओ पर हमला

इंकार पर भड़के दबंग

सीमा रानी के मना करने पर अशोक और कलुआ इतने आग-बबूला हो गए कि उन्होंने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। हमला इतना अचानक और उग्र था कि सीमा रानी के बेटे को सिर पर गंभीर चोटें आईं और वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा। सीमा और उनके पति ने जब बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो उन्हें भी नहीं बख्शा गया। दबंगों ने दोनों को भी बुरी तरह पीटा।

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गांव वालों ने बचाई जान

घटना के दौरान सीमा रानी और उनका परिवार चीखते-चिल्लाते रहे। शोर सुनकर गांववाले मौके पर दौड़े, जिसके बाद हमलावर वहां से भाग निकले। ग्रामीणों की मदद से घायलों को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में भर्ती कराया गया, जहां बीएलओ के बेटे की हालत गंभीर बताई जा रही है। डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर करने की सिफारिश की है।

पुलिस में दर्ज हुई एफआईआर

सीमा रानी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित भाइयों अशोक और ऊदल सिंह उर्फ कलुआ के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। कोतवाल प्रदीप मलिक ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।

बीएलओ की सुरक्षा पर उठे सवाल

इस घटना ने चुनावी व्यवस्था में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। बीएलओ जैसी जिम्मेदार भूमिका निभाने वाली महिला को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के पालन के लिए निशाना बनाया जाना बेहद चिंता का विषय है।

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