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अलीगढ़ के थाना रोरावर क्षेत्र में मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान एक नाबालिग युवती को घर से जबरन उठाया गया। पीड़िता की मां थाने पहुंची लेकिन पुलिस वीआईपी सुरक्षा में व्यस्त थी। दूसरे दिन तहरीर के बाद भी जांच में देरी, पीड़िता ने समाजसेवी से मदद मांगी।
वीआईपी सुरक्षा में थमा प्रशासनिक तंत्र
Aligarh: यूपी के अलीगढ़ के थाना रोरावर क्षेत्र में 7 दिसंबर को मुख्यमंत्री के आगमन के दौरान प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह व्यस्त रहा। महिला सशक्तिकरण और सुरक्षा के अभियान के बावजूद, एक नाबालिग युवती को दिन दहाड़े घर से जबरन उठाने की घटना हुई।
युवती की मां घटना के तुरंत बाद थाने पहुंची, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वे मुख्यमंत्री आगमन और वीआईपी सुरक्षा में व्यस्त हैं। सुबह से शाम तक पीड़िता थाने के चक्कर काटती रही, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
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अगले दिन पीड़िता ने पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने मामला दर्ज किया, लेकिन जांच प्रक्रिया में उलझन बनी रही। पीड़िता और परिवार ने न्याय की गुहार लगाई, लेकिन प्रशासनिक व्यस्तता के कारण कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
शिकायत पत्र
न्याय न मिलने पर पीड़िता की मां ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष और समाजसेवी जरीना आगा से मुलाकात की। उन्होंने पीड़िता को न्याय दिलाने और मामले की गंभीरता प्रशासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
इस मामले ने उत्तर प्रदेश सरकार के महिला सशक्तिकरण अभियान की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री आगमन के चलते सुरक्षा और वीआईपी प्रोटोकॉल प्राथमिकता बनने से आम जनता, खासकर महिलाओं, की समस्याओं की अनदेखी हुई।
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स्थानीय पुलिस और प्रशासन को न केवल त्वरित जांच करनी होगी, बल्कि यह सुनिश्चित करना होगा कि वीआईपी सुरक्षा में व्यस्त होने के बावजूद नागरिकों, विशेषकर महिलाओं, की शिकायतों को समय पर सुना जाए और न्याय सुनिश्चित किया जाए।