

यह घटना मंगलवार शाम की है जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में घुड़सवारी शो के बाद शुरू हुआ विवाद अस्पताल की चारदीवारी के अंदर भयावह रूप ले चुका है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) का आपातकालीन आईसीयू वार्ड उस समय युद्ध के मैदान में बदल गया जब छात्रों के दो समूहों के बीच पुरानी रंजिश को लेकर झड़प हो गई और गोलीबारी शुरू हो गई। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह घटना मंगलवार शाम को हुई जब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के घुड़सवारी शो के बाद शुरू हुआ विवाद अस्पताल की दीवारों के अंदर भयावह रूप ले लिया।
हॉर्स राइडिंग शो से शुरू हुआ विवाद
मंगलवार को एएमयू के एथलेटिक ग्राउंड में 135 साल पुराने पारंपरिक घुड़सवारी शो का आयोजन किया गया था। इस दौरान गैलरी में बैठने को लेकर आदिल और आदिल नाम के दो छात्रों के बीच कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। देखते ही देखते दोनों पक्षों के समर्थक भी वहां पहुंच गए और मौके पर हाथापाई शुरू हो गई।
अस्पताल में पहुंचकर फिर भिड़े गुट
हॉर्स शो में हुई मारपीट के बाद दोनों गुटों ने घायल छात्रों को इलाज के लिए एएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। लेकिन वहां भी स्थिति शांत नहीं रही। इमरजेंसी यूनिट में भी दोनों गुट एक बार फिर भिड़ गए और एक-दूसरे पर लात-घूंसे बरसाने लगे। मामला इतना बढ़ गया कि एक गुट ने मौके पर फायरिंग कर दी। गोलियों की आवाज सुनकर अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई।
मरीज, डॉक्टर और तीमारदारों में मची भगदड़
गोलीबारी की घटना से आईसीयू में भर्ती मरीजों, डॉक्टरों और तीमारदारों में भगदड़ मच गई। हर कोई अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगा। गनीमत रही कि गोली लगने से कोई घायल नहीं हुआ। लेकिन अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल जरूर उठ खड़े हुए हैं।
डॉक्टरों का हड़ताल पर जाना
घटना के बाद गुस्साए डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया और हड़ताल की घोषणा कर दी। उनका कहना है कि अगर मेडिकल कॉलेज के अंदर डॉक्टर और मरीज सुरक्षित नहीं हैं तो काम कैसे हो सकता है। डॉक्टरों ने सुरक्षा चूक के लिए मेडिकल प्रशासन और यूनिवर्सिटी प्रॉक्टर बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया और जल्द समाधान की मांग की।
पुलिस ने की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही सिविल लाइंस थाने की पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में किया। पुलिस ने इस मामले में जैद, सुहैल और अल्तमश समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया है। इनके पास से अवैध हथियार भी बरामद हुए हैं, जिनसे गोली चलाई गई थी। पुलिस के मुताबिक अन्य आरोपियों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है। सीओ थर्ड अभय पांडेय ने बताया कि गोली चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल दोनों पक्षों की ओर से थाने में अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गई है।
सवालों के घेरे में विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था
इस पूरी घटना ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ जहां छात्र समूहों के बीच बढ़ती आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने की जरूरत है, वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को अब डॉक्टरों और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।