आगरा पुलिस ने सपा सांसद रामजीलाल सुमन को कासगंज जाने से रोका, किया नजरबंद

समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन को आगरा पुलिस ने मंगलवार को कासगंज जाने से रोक दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 6 May 2025, 6:55 PM IST
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आगरा: समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन को आगरा पुलिस ने नजरबंद कर दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सांसद को कासगंज जाने से रोका गया जहाँ एक घटना की जानकारी लेने के लिए अखिलेश यादव ने एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था जिसमें सुमन भी शामिल थे। पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला दिया जबकि सुमन ने इसे अघोषित आपातकाल बताया और पुलिस के रवैये की निंदा की।

पुलिस ने उनके घर की बैरीकेडिंग करते हुए उन्हें कासगंज जाने से रोक दिया। पुलिस ने इसके लिए सुरक्षा कारणों का हवाला दिया। सुमन ने नाराजगी जताते हुए पुलिस-प्रशासन के रवैये की निंदा की।

कासगंज के पटियाली के गांव दिउरईया में कुलदीप बघेल के घर में चोरी हुई थी। पुलिस पर उनके परिवार के लाेगों व महिलाओं से मारपीट करने का आरोप है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने घटना की जानकारी लेने को 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बनाया है, जिसमें रामजीलाल सुमन भी शामिल हैं।

राज्यसभा सदस्य ने जताई नाराजगी

सुमन मंगलवार सुबह कासगंज जाने की तैयारी में थे, लेकिन इससे पूर्व ही उनके आवास पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सुमन को उनके आवास से बाहर नहीं निकलने दिया गया। सुमन के समर्थन में सपा कार्यकर्ता उनके आवास पर पहुंच गए और नारेबाजी की। सुमन ने उन्हें रोके जाने पर नाराजगी जताई।

उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि, अगर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए। उन्हें कासगंज नहीं जाने दिया गया। इससे पूर्व तीन मई को पुलिस ने सुमन को नजरबंद कर अलीगढ़ जाने से रोका था।

यह अघोषित आपातकाल है: सुमन

यह अघोषित आपातकाल है। राजनीति का मतलब यह है कि शोषित-पीड़ित के दु:ख-दर्द में शामिल हों। यही राजनीति का धर्म है, जो पुलिस नहीं करने दे रही है। उनके आवास पर हमला करने वालों के विरुद्ध डेढ़ माह बाद भी कार्रवाई नहीं हुई है। हर बार सुरक्षा का हवाला देकर पुलिस उन्हें नजरबंद कर देती है, जिससे वह बेकसूर, दलित, पिछड़े लोगों के दु:ख में शामिल नहीं हो सकें।

रामजीलाल सुमन ने मीडिया से वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि, पुलिस के पास उनके ऊपर हमले का इनपुट है तो हमलावरों पर कार्रवाई करे। हमलावरों पर कार्रवाई के बजाय उन्हें रोक दिया जाता है, जो लोकतंत्र की मर्यादा के विरुद्ध है। उनके साथ अन्याय है। पुलिस ने उनका गिरफ्तार करने का आग्रह नहीं माना।
ओकेंद्र राणा के आगरा आने और पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने पर उन्होंने कहा कि वह किसी का नाम नहीं लेना चाहते हैं। पुलिस ने दावा किया था कि 10 टुकड़ियां बनाई हैं, लेकिन उसने चूहा तक नहीं पकड़ा है। स्थानीय पुलिस उतना ही काम करती है, जितना ऊपर का निर्देश होता है।

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