

भदोही जनपद के कोइरौना थाना क्षेत्र अंतर्गत महादेवा डिघ गांव में स्थित प्राचीन श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज पर
भदोही: भदोही जनपद के कोइरौना थाना क्षेत्र अंतर्गत महादेवा डिघ गांव में स्थित प्राचीन श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। गुलाबी पत्थरों से बनी इसकी भव्य संरचना, अनूठी वास्तुकला और दिव्यता के चलते यह मंदिर अब 'मिनी काशी' के नाम से भी प्रसिद्धि पा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, मंदिर का नवनिर्माण कार्य कटरा निवासी श्रद्धालु राघवेन्द्र दुबे के प्रयासों और समर्पण से पूरा हुआ है। बताया जाता है कि मंदिर के भव्य रूप को नया स्वरूप देने में लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत आई है। पूरे परिसर में गुलाबी पत्थरों का बारीकी से किया गया शिल्पकारी का कार्य दर्शनीय है। शिल्पकला की बारीकियों से सजा यह परिसर हर श्रद्धालु के मन को सहज ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता है।
त्रिशूल गुलाबी पत्थरों से निर्मित
मंदिर में प्रवेश करते ही श्रद्धालु दिव्यता और भव्यता से अभिभूत हो उठते हैं। मुख्य द्वार के सामने भगवान शिव का चालीस फीट ऊँचा त्रिशूल गुलाबी पत्थरों से निर्मित है, जो इस शिवधाम की आभा को और भी प्रभावशाली बनाता है। हर दिन प्रातः काल से ही श्रद्धालु जलाभिषेक, पूजन-अर्चन एवं रुद्राभिषेक के लिए यहां पहुंचते हैं और भोलेनाथ से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
भजन-कीर्तन और विशेष धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन
विशेषतौर पर सावन मास में इस मंदिर की ख्याति चरम पर होती है। सावन के महीने में प्रयागराज, वाराणसी सहित दूर-दराज के जिलों से हजारों की संख्या में कांवड़िए गंगाजल लेकर पैदल यात्रा करते हुए महादेवा डिघ पहुंचते हैं। बाबा सेमराध नाथ धाम से होते हुए कांवड़िए इस पावन धाम में जलाभिषेक कर भोलेनाथ की अराधना करते हैं। सावन भर यहां रुद्राभिषेक, भजन-कीर्तन और विशेष धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित होते हैं।
भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती
ग्रामीणों की मान्यता है कि अचलेश्वर महादेव सच्चे हृदय से की गई आराधना से हर मनोकामना पूर्ण करते हैं। यही कारण है कि यहां आने वाले भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब यह धाम धीरे-धीरे एक प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो रहा है। साफ-सफाई, सुविधाओं और बेहतर प्रबंधन के कारण परिवार सहित आने वाले श्रद्धालुओं को यहां एक अलौकिक शांति का अनुभव होता है। मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा भी लगातार परिसर के सौंदर्यीकरण और विकास के कार्य कराए जा रहे हैं, जिससे आने वाले समय में यह शिवधाम पूरे पूर्वांचल में एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में स्थापित हो सके।