गोरखपुर में चिलुआताल पर बनेगा 20 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट, नई ऊर्जा से रोशन होगा शहर

गोरखपुर में चिलुआताल पर स्थापित होने वाला 20 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्लांट गोरखपुर को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाएगा और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना चिलुआताल को एक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करेगी।

Gorakhpur: गोरखपुर शहर में ऊर्जा संकट को दूर करने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। गोरखपुर के चिलुआताल में 20 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना से शहर की ऊर्जा आपूर्ति में वृद्धि होगी और साथ ही पर्यावरण को भी लाभ पहुंचेगा। जिलाधिकारी दीपक मीणा की अध्यक्षता में हाल ही में इस परियोजना को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें परियोजना के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, चिलुआताल के 80 एकड़ क्षेत्र में सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जो पानी की सतह पर तैरते हुए बिजली उत्पन्न करेंगे। इस परियोजना का उद्देश्य गोरखपुर को स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करना है। इस फ्लोटिंग सोलर प्लांट के माध्यम से बिजली उत्पादन के साथ-साथ पानी का वाष्पीकरण भी कम होगा, जिससे स्थानीय जलस्रोतों का संरक्षण होगा।

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योजना के आर्थिक पहलू पर चर्चा

बैठक में इस योजना के आर्थिक पहलू पर भी चर्चा की गई। वर्ष 2020 की सोलर पॉलिसी के तहत बुंदेलखंड में प्रति एकड़ लीज रेट 15 हजार रुपये था, जबकि गोरखपुर में यह दर 25 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष प्रस्तावित की गई है। इस पर जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा, "यह परियोजना गोरखपुर के लिए गर्व का विषय है। यह न केवल स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन करेगी, बल्कि चिलुआताल को आकर्षक बनाते हुए शहर को रोशन करेगी। यह गोरखपुर को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा।"

कोल इंडिया कोलकाता के प्रबंधक सुबोध दीक्षित ने बताया कि यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट तकनीकी रूप से अत्याधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल होगा। उनका कहना था, "इस परियोजना के पूरा होने पर गोरखपुर उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो जाएगा, जहां फ्लोटिंग सोलर पावर मॉडल को सफलतापूर्वक लागू किया गया है।"

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पर्यटन और सौंदर्यीकरण के लिहाज से होगा बेहतर

इस सोलर प्लांट से 20 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा, जिससे गोरखपुर की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी। परियोजना की सफलता से गोरखपुर में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा, चिलुआताल क्षेत्र पर्यटन और सौंदर्यीकरण के लिहाज से भी आकर्षण का केंद्र बनेगा।

परियोजना का लाभ न केवल ऊर्जा क्षेत्र में होगा, बल्कि इससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। इसके अलावा, यह पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगा। बैठक में कोल इंडिया के सुबोध दीक्षित, पीओ नेडा गोविंद तिवारी, सब रजिस्ट्रार फास्ट रजत श्रेष्ठ, कुल सचिव हमायोगी गुरु गोरखनाथ प्रदीप राव, एडीएम वित्त विनीत कुमार सिंह और एसडीएम सदर दीपक गुप्ता भी उपस्थित थे।

 

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 27 September 2025, 8:55 AM IST