

महराजगंज में इलाज के नाम पर हुए कथित खेल ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने पहले लाखों रुपये इलाज के नाम पर ऐंठे, फिर ऑपरेशन में घोर लापरवाही बरती। अब पीड़ित पिता ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है।
मृतक इंजीनियर (फाइल फोटो)
Maharajganj: महराजगंज से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां इलाज के नाम पर एक युवा इंजीनियर की जान चली गई और परिजनों को शव तक सौंपने के लिए पैसे मांगने की शर्मनाक हरकत सामने आई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, कोठीभार थाना क्षेत्र के मोजरी गांव निवासी मदन कुशवाहा का पुत्र दिनेश कुशवाहा नेपाल में इंजीनियर पर कार्यरत था। अचानक तबीयत बिगड़ने पर पिता ने उसे महराजगंज के दयागीत अस्पताल में भर्ती कराया।
पीड़ित पिता के अनुसार, अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अरुण कुमार गुप्ता ने दूरबीन विधि से ऑपरेशन करने की सलाह दी और इसके लिए 32,000 रुपये शुल्क तय किया। दिनांक 14 जून को बंद कमरे में ऑपरेशन किया गया। लेकिन ऑपरेशन के बाद से ही दिनेश की तबीयत लगातार बिगड़ती रही। दवाइयों का उल्टा असर होता रहा और स्थिति डॉक्टर के काबू से बाहर हो गई।
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हालात गंभीर होने पर 7 जुलाई को डॉ. गुप्ता ने दिनेश को गोरखपुर स्थित सिटी अस्पताल रेफर कर दिया। यहां परिजनों से दोबारा ऑपरेशन और गंभीर इलाज़ के नाम पर ढाई से तीन लाख रुपये तक वसूले गए। बावजूद इसके, चिकित्सकों की कथित लापरवाही के कारण इंजीनियर दिनेश की हालत में सुधार नहीं हुआ और आखिरकार 20 सितंबर 2025 को उसकी मौत हो गई।
परिजनों का आरोप है कि बेटे की मौत के बाद भी अस्पताल प्रशासन का रवैया अमानवीय रहा। शव सुपुर्द करने के लिए दो लाख रुपये और मांगे गए। गम और आक्रोश में मृतक के पिता मदन कुशवाहा ने पुलिस अधीक्षक महराजगंज को प्रार्थना पत्र देकर दया गीत अस्पताल के डॉ. अरुण कुमार गुप्ता और गोरखपुर सिटी अस्पताल के जिम्मेदार चिकित्सकों पर गंभीर कार्रवाई की मांग की है।
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पिता का कहना है कि यह सिर्फ उनके बेटे की जान लेने का मामला नहीं है, बल्कि ऐसे मामलों में आम लोगों की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। मामला अब पुलिस के संज्ञान में आ चुका है। परिजन उम्मीद लगाए हैं कि दोषी चिकित्सकों पर सख्त कार्रवाई होगी और उन्हें उनके बेटे की मौत का इंसाफ मिलेगा।
जांच रिपोर्ट भी संदेह के घेरे में
डाक्टरों की लापरवाही के कारण निचलौल के युवा इंजीनियर के मौत मामले में सीएमओ द्वारा दयागीत हॉस्पिटल पर गठित जांच टीम भी संदेह के घेरे में है। अब तक जांच रिपोर्ट तक नहीं मिल पाई। रिपोर्ट में भी परिजन हेरा फेरी का बड़ा आरोप लगा रहे है। फिलहाल जिला प्रशासन से परिजन न्याय की गुहार लगा रहे है इसके लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।