

फतेहपुर के रेडइया मोहल्ला में 350 साल पुराने ऐतिहासिक मकबरे में तोड़फोड़ को लेकर अधिवक्ताओं ने जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। आरोप है कि 11 अगस्त को लगभग 200 लोग हथियारों से लैस मकबरे में घुसे और कब्रों को नुकसान पहुंचाया। यह मकबरा पुरातत्व विभाग की सूची में शामिल है और मुस्लिम समुदाय के लिए धार्मिक महत्व रखता है। अधिवक्ताओं ने प्रशासन से शांति बनाए रखने और दोषियों को सजा देने की अपील की।
Fatehpur: फतेहपुर जिले के रेडइया मोहल्ला, आबूनगर में स्थित करीब 350 साल पुराने ऐतिहासिक मकबरे में 11 अगस्त को हुई तोड़फोड़ को लेकर मंगलवार को अधिवक्ताओं ने जिला मुख्यालय पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। अधिवक्ताओं ने प्लेसिज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की।
अधिवक्ताओं का आरोप है कि 11 अगस्त को मनोज त्रिवेदी, पंकज द्विवेदी सहित लगभग 200 अज्ञात लोग हथियारों से लैस होकर इस मकबरे में घुस गए। उन्होंने सरिया, सब्बल, लाठी-डंडों से मकबरे में रखी कब्रों को नुकसान पहुंचाया, धार्मिक स्थल की पवित्रता को भंग किया और वर्ग विशेष के खिलाफ अपमानजनक व भड़काऊ भाषा का प्रयोग किया। अधिवक्ताओं ने इसे शहर की शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश बताया।
ज्ञापन में बताया गया कि यह मकबरा गाटा संख्या 753/1 पर दर्ज है और पुरातत्व विभाग की सूची में शामिल है। मुस्लिम समाज के लोग यहां वर्षों से गुरुवार के दिन मन्नतें मांगने और फातिहा पढ़ने आते रहे हैं। इस मकबरे का उल्लेख ब्रिटानिका एनसाइक्लोपीडिया जैसे प्रतिष्ठित संदर्भ ग्रंथों में भी मिलता है, जो इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता को दर्शाता है।
प्रदर्शन के दौरान ममनून अहमद खान ने कहा, “ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों पर हमला असहनीय है। प्रशासन को दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर सख्त सजा देनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और समाज में शांति बनी रहे।”
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इस विरोध प्रदर्शन में अधिवक्ता नुरुल्लाह, मोहम्मद अनस, सईद आसिफ मकसूद, एम. रिजवान, विवेक सिंह, कमल अहमद, इश्तियाक हुसैन, मोहम्मद यासीन, आसिफ अहमद समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। उन्होंने प्रशासन से उम्मीद जताई कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर शहर में शांति और सौहार्द बनाए रखा जाएगा।
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यह घटना फतेहपुर जिले में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है, और सभी समुदायों से अपील की जा रही है कि वे शांति बनाए रखें तथा प्रशासन को सहयोग दें।
फतेहपुर में 350 साल पुराने ऐतिहासिक मकबरे में तोड़फोड़, अधिवक्ताओं ने किया जोरदार विरोध प्रदर्शन