

नेपाल में जारी सीमा संकट के बीच भारत ने विशेष कंट्रोल रूम से भारतीय नागरिकों की सहायता करना शुरू किया है। अब तक 409 लोग मदद की गुहार लगाते हुए वापस आ चुके हैं, जबकि पेट्रोल-डीजल सप्लाई में भी राहत देने की कोशिशें जारी हैं। सीमा पर खाद्य संकट और तस्करी की घटनाएं बढ़ रही हैं।
नेपाल-भारत सीमा
Lucknow: नेपाल में हो रहे सीमा संकट के कारण भारतीय नागरिकों की मदद के लिए भारतीय सरकार ने एक विशेष कंट्रोल रूम का गठन किया है। यह कंट्रोल रूम लगातार शुक्रवार को भी मदद की गुहार सुन रहा था। अब तक 409 नागरिकों ने सहायता की अपील की है, जिनमें से 251 को सुरक्षित रूप से वापस भारत भेज दिया गया है। बाकि नागरिकों के लिए राहत प्रयास जारी हैं। यह विशेष कंट्रोल रूम न केवल फोन कॉल्स पर सक्रिय है, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए भी नागरिकों से संपर्क कर मदद की जा रही है। इस संकट के दौरान, डीजीपी राजीव कृष्ण और गृह मंत्रालय के अधिकारियों की निरंतर बातचीत से नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।
नेपाल-भारत सीमा को शुक्रवार को चौथे दिन भी सील रखा गया। नेपालगंज में हुए उपद्रव के बाद स्थिति अब तक सामान्य नहीं हो पाई है। इसका प्रत्यक्ष असर सीमा पर खड़ी आपूर्ति और यात्री परिवहन पर पड़ा है। करीब 1,000 ट्रक नेपाल में खाद्य सामग्री, दवाएं और अन्य रोजमर्रा की जरूरतों की वस्तुएं लेकर सीमा पर खड़े हैं। इन ट्रकों में चावल, मक्का, दवाइयाँ, और अन्य आवश्यक वस्तुएं लदी हुई हैं, जो नेपाल के भीतर खाद्य संकट को जन्म दे सकती हैं। इस संकट के बीच, पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की सप्लाई को बहाल करने के लिए 20 से अधिक टैंकर नेपाल सेना की निगरानी में नेपाल भेजे गए हैं। हालांकि, खाद्य संकट अब और गहरा गया है। नेपाल में बिस्कुट के पैक की कीमतें 150 रुपये तक बढ़ चुकी हैं, जबकि रसोई गैस के सिलिंडर की भी भारी किल्लत हो गई है।
नेपाल-भारत सीमा
सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती हिंसा के बाद, नेपाल सेना ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। नेपाल के कुछ क्षेत्रों में, विशेषकर सोनबरसा और कुड़वा जैसे क्षेत्रों में, सेना की गश्त बढ़ा दी गई है। इसके तहत, नेपाल सेना ने सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक घरों से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई है। साथ ही, एक साथ पांच से अधिक लोगों के बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गई है। सेना की सख्ती के कारण शुक्रवार को सीमावर्ती नेपाली गांवों में सन्नाटा देखने को मिला।
रुपईडीहा स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) पर माल लदी ट्रकों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। पेट्रोलियम उत्पाद, दवाएं, चावल, मक्का, और मशीनरी जैसी जरूरी वस्तुएं नेपाल को भेजने के लिए इन ट्रकों पर लादी जा रही हैं, लेकिन सीमावर्ती स्थिति के कारण आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है। यदि सीमा पर हालात इसी तरह बने रहते हैं, तो नेपाल में खाद्य सामग्री और दवाओं की भारी किल्लत हो सकती है, जो संकट को और बढ़ा सकता है।
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सीमा सील होने के कारण आपूर्ति में ठप होने के बाद, नेपाल में वस्तुओं की कीमतें बढ़ गई हैं। बिस्कुट के पैकेट की कीमतों में तीन गुना वृद्धि हो चुकी है, और रसोई गैस सिलिंडर की कीमत में भी भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। उपभोक्ताओं को महंगी कीमतों के साथ-साथ जरूरी वस्तुओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रसोई गैस और खाद्य सामग्री की भारी तस्करी नेपाल में शुरू हो गई है, जिससे स्थानीय बाजारों में संकट और बढ़ सकता है।