

ये वीडियो यथार्थ अस्पताल का है। लिफ्ट फंस गई है। हम 30 मिनट से परेशान हैं। इमरजेंसी नंबर पर कॉल कर रहे हैं लेकिन कोई नहीं सुन रहा। हमारे साथ कई मरीज हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
लिफ्ट में फंसे लोग
गौतमबुद्ध नगर: ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित यथार्थ हॉस्पिटल की लापरवाही एक बार फिर सवालों के घेरे में है। 26 मई की रात अस्पताल की लिफ्ट अचानक दूसरी मंजिल पर बंद हो गई। जिसमें बीमार मरीज, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष समेत कुल 16 लोग करीब 30 मिनट तक फंसे रहे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस दौरान किसी भी तरह की तत्काल मदद नहीं मिली। लिफ्ट में फंसे लोगों की सांसें फूलने लगी। घबराहट बढ़ गई, लेकिन इमरजेंसी नंबरों पर कॉल करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला। यह घटना अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो के ज़रिए सामने आई है।
वीडियो में क्या दिखा?
वायरल वीडियो में एक युवक पीली टीशर्ट में दिखाई देता है, जो कैमरे की ओर देखकर कहता है, “ये वीडियो यथार्थ अस्पताल का है। लिफ्ट फंस गई है। हम 30 मिनट से परेशान हैं। इमरजेंसी नंबर पर कॉल कर रहे हैं लेकिन कोई नहीं सुन रहा। हमारे साथ कई मरीज हैं। अस्पताल को सिर्फ अपने पैसे से मतलब है। अगर यहां कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा?” इस बयान के साथ ही वीडियो में लिफ्ट के भीतर घबराए हुए लोग भी दिख रहे हैं। कुछ की सांसें फूल रही हैं, जबकि कुछ लोग शांत रहने की कोशिश कर रहे हैं।
कैसे हुआ रेस्क्यू?
करीब आधे घंटे बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया। दो मंजिलों के बीच फंसी लिफ्ट को मैनुअली चाबी से खोलकर सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। सौभाग्य से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने अस्पताल की आपात सेवाओं और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।
क्या लिफ्ट एक्ट के नियमों का हो रहा पालन?
यह घटना यह भी संकेत देती है कि क्या यथार्थ हॉस्पिटल में "लिफ्ट एंड एस्कलेटर एक्ट" का पालन किया जा रहा है या नहीं? भारत में लिफ्ट और एस्कलेटर से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकारों द्वारा निर्धारित एक स्पष्ट कानून और प्रक्रिया होती है, जिसका पालन करना अनिवार्य होता है।