

एक चमकता सितारा अचानक बुझ गया।शेफाली जरीवाला की मौत ने Cardiac Arrest की खतरनाक हकीकत उजागर की है। जानिए वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने अपने चर्चित शो The MTA Speaks पर पूरा विश्लेषण किया।
मौत का खुलासा
New Delhi: फिल्म अभिनेत्री और 'कांटा लगा गर्ल' के नाम से मशहूर शेफाली जरीवाला अब हमारे बीच नहीं रहीं। शनिवार की सुबह जैसे ही यह खबर सामने आई कि 42 वर्षीय शेफाली की कार्डियक अरेस्ट से अचानक मौत हो गई, तो जैसे पूरा बॉलीवुड, उनके फैंस और सामान्य जनमानस सन्न रह गया। एक ऐसी शख्सियत, जो हमेशा ऊर्जावान, स्वस्थ और आत्मविश्वास से भरी दिखाई देती थी, उसका यूं अचानक चले जाना सिर्फ एक निजी क्षति नहीं, बल्कि समाज के लिए एक खतरनाक चेतावनी है जिसे अब टाला नहीं जा सकता।
वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने अपने शो The MTA Speaks में बताया। शेफाली का जीवन प्रेरणा से भरपूर रहा। उनका जन्म 15 दिसंबर 1982 को मुंबई में एक मध्यमवर्गीय गुजराती परिवार में हुआ। उन्होंने अपनी पढ़ाई लिखाई भी मुंबई में ही की और सरदार पटेल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। एक समय ऐसा भी था जब शेफाली का सपना इंजीनियर बनकर कॉर्पोरेट जगत में अपना करियर बनाने का था, लेकिन किस्मत ने उन्हें एक अलग दिशा में मोड़ दिया। 2002 में जब उनका म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’ आया, तो यह गाना भारत के पॉप म्यूजिक इतिहास में एक लैंडमार्क बन गया। उनके डांस मूव्स, आत्मविश्वास से भरी अदायगी और एक्सप्रेशन ने उन्हें रातों-रात देशभर में प्रसिद्ध कर दिया। 'कांटा लगा गर्ल' के नाम से वह हर युवा के दिल में बस गईं।
इसके बाद उन्होंने टीवी रियलिटी शोज़ जैसे ‘बिग बॉस’ और ‘नच बलिए’ में हिस्सा लिया और दर्शकों की चहेती बन गईं। उनकी और उनके पति पराग त्यागी की जोड़ी ‘नच बलिए’ के मंच पर खासा लोकप्रिय हुई थी। अभिनय और डांसिंग के अलावा शेफाली ने मॉडलिंग, विज्ञापन, फैशन शो और सामाजिक जागरूकता कार्यक्रमों में भी सक्रिय भूमिका निभाई। हाल के वर्षों में वे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी बेहद सक्रिय थीं। इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके लाखों फॉलोअर्स थे। वे फिटनेस, मानसिक स्वास्थ्य, योग और मोटिवेशन से जुड़ी सामग्री नियमित रूप से साझा करती थीं। उनकी प्रोफाइल आज के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत थी — एक महिला जो पढ़ी-लिखी थी, आत्मनिर्भर थी, और सामाजिक रूप से जागरूक भी।
शेफाली की मृत्यु प्रथम दृष्टया
लेकिन शायद सबसे दुखद बात यह रही कि एक ऐसी महिला, जो अपने स्वास्थ्य के प्रति इतनी सजग थी, जिसकी जीवनशैली एक आदर्श मानी जाती थी, वह कार्डियक अरेस्ट जैसी साइलेंट किलर बीमारी की शिकार हो गई। शनिवार तड़के जब शेफाली को चक्कर आया और वह बेहोश होकर गिर पड़ीं, तो उनके परिवार ने तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया। लेकिन जब तक कुछ हो सकता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मुंबई पुलिस के अनुसार, शेफाली की मृत्यु प्रथम दृष्टया प्राकृतिक प्रतीत होती है। उनके शरीर पर किसी प्रकार की चोट के निशान नहीं पाए गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी साफ किया गया कि उनकी मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण हुई। शरीर में कोई विषाक्त तत्व नहीं पाया गया, और किसी भी आपराधिक एंगल की संभावना से इनकार किया गया।
बयान सिर्फ एक पति का नहीं...
उनके पति और अभिनेता पराग त्यागी ने मीडिया से बात करते हुए बेहद भावुक स्वर में कहा, “हमने साथ डिनर किया था। शेफाली ठीक थीं। सुबह अचानक बेहोश हो गईं। हमने कोशिश की, लेकिन कुछ कर नहीं सके। ये किसी बुरे सपने जैसा है।” यह बयान सिर्फ एक पति का नहीं, बल्कि उस हर व्यक्ति का है जो किसी अपने को बिना किसी चेतावनी, बिना किसी संकेत के खो देता है। शेफाली के निधन पर पूरे फिल्म और टीवी इंडस्ट्री ने गहरा शोक जताया। शिल्पा शेट्टी ने कहा कि “शेफाली आत्मविश्वास और ऊर्जा की प्रतिमूर्ति थीं। उनकी मुस्कान हमेशा याद रहेगी।” कोरियोग्राफर गीता कपूर ने लिखा, “’कांटा लगा’ के ज़रिये तुमने एक पूरी पीढ़ी को थिरकना सिखाया।” सिंगर उदित नारायण ने कहा कि “शेफाली एक भावना थीं, उनका परफॉर्मेंस कभी भुलाया नहीं जा सकता।
व्यक्ति की हृदयगति कैसे रुक सकती है?
” अभिनेता अर्जुन बिजलानी ने कहा कि “कुछ दिन पहले ही एक इवेंट में मुलाकात हुई थी, किसे पता था कि वो आखिरी होगी।” मनोरंजन पत्रकारों से लेकर प्रशंसकों तक हर किसी की प्रतिक्रियाएं यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि शेफाली सिर्फ एक चेहरा नहीं थीं, वे एक युग, एक सोच, एक प्रतीक थीं।पर अब प्रश्न यह उठता है कि एक हेल्दी, एक्टिव और पॉज़िटिव व्यक्ति की हृदयगति कैसे रुक सकती है? क्या यह केवल दुर्भाग्य था या फिर हम सब किसी ऐसी मेडिकल आपात स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं, जिसे हमने अभी तक गंभीरता से नहीं लिया है? बीते कुछ वर्षों में भारत में अचानक हृदयगति रुकने से होने वाली मौतों में खतरनाक इज़ाफा हुआ है। जिम में एक्सरसाइज़ करते हुए, शादी समारोह में डांस करते हुए, दफ्तर में मीटिंग के दौरान या सड़क चलते हुए — ऐसे अनेक मामलों की खबरें आती रही हैं।
समाज के लिए अत्यधिक खतरनाक
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह केवल एक चिकित्सा समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक चेतावनी है। आधुनिक जीवनशैली, लगातार तनाव, नींद की कमी, अनियमित भोजन, अत्यधिक कैफीन और एनर्जी ड्रिंक का सेवन, बिना डॉक्टर की सलाह लिए सप्लिमेंट्स लेना — ये सभी मिलकर हमारे दिल पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भारी असर डालते हैं। साथ ही, कोविड-19 महामारी के बाद यह खतरा और बढ़ा है। डॉक्टर बताते हैं कि कोविड संक्रमण के बाद हृदय की मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है, जिसे हम सामान्य समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन यह धीरे-धीरे दिल की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है और कार्डियक अरेस्ट की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि कार्डियक अरेस्ट किसी भी प्रकार की पूर्व चेतावनी नहीं देता। न सीने में दर्द, न सांस फूलना, न ब्लड रिपोर्ट में कोई साफ संकेत। यह पूरी तरह से एक 'साइलेंट किलर' बन चुका है, जो हमारे जैसे समाज के लिए अत्यधिक खतरनाक है, जहां स्वास्थ्य के नाम पर केवल जिम जाना या हेल्दी दिखना ही काफी मान लिया जाता है।
सोशल मीडिया पर हेल्दी फीड डालना
अब ज़रूरत है जागरूकता की। ECG, ईको, लिपिड प्रोफाइल, थायराइड, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बेसिक मेडिकल जांच को अब हर छह महीने या साल में एक बार करवाना आवश्यक हो चुका है। हेल्थ चेकअप अब कोई लक्ज़री नहीं, बल्कि ज़रूरत है। सिर्फ युवाओं के लिए ही नहीं, बल्कि हर आयु वर्ग के लिए। सरकारों को चाहिए कि CPR ट्रेनिंग को स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिसों में अनिवार्य करें ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (AED) मशीनें हर मॉल, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और भीड़भाड़ वाले स्थलों पर लगाई जाएं। डॉक्टरों को भी केवल इलाज तक सीमित न रहकर लोगों को जागरूक करने की दिशा में काम करना होगा। The MTA Speaks’ के मंच से हम आपसे यही अपील करते हैं कि शेफाली जरीवाला की असामयिक मृत्यु को केवल एक व्यक्तिगत दुख या एक सेलेब्रिटी खबर के रूप में न देखें, बल्कि इसे एक चेतावनी के रूप में ग्रहण करें। ये घटना हर उस व्यक्ति को झकझोरने के लिए पर्याप्त है जो सोचता है कि सिर्फ अच्छा दिखना, अच्छा खाना और सोशल मीडिया पर हेल्दी फीड डालना ही पर्याप्त है।
हम सबको अपने-अपने जीवन में सजग होना होगा, सचेत रहना होगा और अपने परिवारजनों को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना होगा। शेफाली अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी मुस्कान, उनका आत्मविश्वास और उनका जीवन हमें हमेशा प्रेरणा देता रहेगा। उनकी मौत हमें सिखा गई कि हम कब तक जियेंगे यह हमारे हाथ में नहीं, लेकिन हम कैसे जियेंगे — यह पूरी तरह हमारे नियंत्रण में है।
शेफाली जरीवाला को ‘The MTA Speaks’ की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।