AI का बढ़ता प्रभाव: माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट में इन नौकरियों पर मंडरा रहा खतरा, जानिए क्या है बचाव का रास्ता

माइक्रोसॉफ्ट की हालिया स्टडी में यह सामने आया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कई पारंपरिक और विशेषज्ञ नौकरियों के लिए बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इंटरप्रेटर्स, ट्रांसलेटर्स, एडिटर्स से लेकर डेटा साइंटिस्ट और कस्टमर सर्विस प्रोफेशनल्स तक, कई भूमिकाएं AI से प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि AI को मुकाबला करने की चीज नहीं बल्कि सहायक की तरह इस्तेमाल करना चाहिए। जानिए किन नौकरियों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा और कैसे इस बदलाव के लिए खुद को तैयार किया जा सकता है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 31 July 2025, 3:28 PM IST
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New Delhi: आज का दौर तकनीक और नवाचार का है, और इस बदलाव की अगुआई कर रहा है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)। तकनीकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की हालिया स्टडी ने यह खुलासा किया है कि AI न केवल हमारे काम करने के तरीके को बदल रहा है, बल्कि कई जॉब प्रोफाइल्स के लिए खतरे की घंटी भी बन गया है।

AI से सबसे अधिक प्रभावित होने वाली नौकरियां

स्टडी के मुताबिक इंटरप्रेटर्स और ट्रांसलेटर्स, इतिहासकार, सोशल साइंस रिसर्च असिस्टेंट, रिपोर्टर, एडिटर्स, लेखक और प्रूफरीडर जैसी नौकरियां सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी। इन सभी क्षेत्रों में AI पहले से ही दस्तक दे चुका है, जैसे कि ChatGPT, Google Translate और Grammarly जैसे टूल्स की मौजूदगी। इसके अलावा कस्टमर सर्विस रिप्रेजेंटेटिव, सेल्स प्रोफेशनल्स, मार्केट रिसर्च एनालिस्ट, बिजनेस एनालिस्ट, डेटा साइंटिस्ट और कंप्यूटर सिस्टम एनालिस्ट जैसी तकनीकी नौकरियां भी AI के कारण जोखिम में हैं। इन प्रोफाइल्स में AI आधारित टूल्स पहले से ही कार्यक्षमता को बेहतर बना रहे हैं, जिससे मानवीय हस्तक्षेप की जरूरत घट रही है।

AI से कम प्रभावित नौकरियां

हालांकि हर क्षेत्र पर AI का असर एक जैसा नहीं है। माइक्रोसॉफ्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन नौकरियों में शारीरिक श्रम, तकनीकी संचालन या मानवीय संपर्क की अधिक आवश्यकता होती है, वे फिलहाल AI के प्रभाव से सुरक्षित हैं। इनमें कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, फायरफाइटर सुपरवाइजर, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट ऑपरेटर, मसाज थेरेपिस्ट, फिजिकल थेरेपिस्ट असिस्टेंट, क्लीनर और डिशवॉशर जैसे काम शामिल हैं।

AI से डरें नहीं, साथ चलें

माइक्रोसॉफ्ट की स्टडी सिर्फ खतरे की चेतावनी नहीं देती, बल्कि यह सुझाव भी देती है कि AI से डरने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय इसे 'कोपायलट' की तरह देखा जाना चाहिए। यानी, AI आपकी मदद कर सकता है, आपके स्थान नहीं ले सकता। उदाहरण के लिए, एक लेखक AI का उपयोग रिसर्च या डाटा एनालिसिस के लिए कर सकता है, लेकिन लेखन में भावनाएं, संदर्भ और रचनात्मकता AI नहीं दे सकता।

क्या करें सुरक्षित भविष्य के लिए?

1. AI की समझ बढ़ाएं: AI से मुकाबले का सबसे बेहतर तरीका है। इसे सीखना और समझना। टेक्नोलॉजी को अपनाने वाले लोग ही आगे सफल होंगे।

2. अपस्किलिंग और रिस्किलिंग: अपने कौशल को समय के साथ अपडेट करना जरूरी है। डिजिटल, डेटा एनालिटिक्स, कम्युनिकेशन, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में दक्षता बढ़ाएं।

3. क्रिटिकल थिंकिंग और क्रिएटिविटी पर ध्यान दें: AI जहां गणनाओं और डेटा प्रोसेसिंग में तेज़ है, वहीं मनुष्य की रचनात्मकता और आलोचनात्मक सोच को दोहराना इसके लिए असंभव है।

4. इमोशनल इंटेलिजेंस और टीमवर्क स्किल्स: AI मानवीय संवेदनाओं को नहीं समझ सकता, ऐसे में जिन कार्यों में सहानुभूति, बातचीत और टीम समन्वय की जरूरत है, वे सुरक्षित बने रहेंगे।

बदलाव को अपनाएं

AI हमारी नौकरियों का शत्रु नहीं है, बल्कि यह एक सहायक उपकरण है जो हमारी उत्पादकता और दक्षता को बढ़ा सकता है। माइक्रोसॉफ्ट की स्टडी इस दिशा में चेतावनी के साथ अवसर भी लेकर आई है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम इस तकनीकी बदलाव को अपने पक्ष में कैसे इस्तेमाल करते हैं। AI न तो एक दिन में हमारी जगह लेगा, न ही पूरी तरह से मानवीय भूमिका को खत्म करेगा। लेकिन यह जरूर तय है कि जिन लोगों ने अपने कौशल को समय के अनुसार ढालना नहीं सीखा, वे पीछे रह जाएंगे। आने वाले वर्षों में वही लोग सफल होंगे जो AI को अपनाकर 'ह्यूमन + AI' टीम बनाकर आगे बढ़ेंगे।

Location : 
  • New Delhi

Published : 
  • 31 July 2025, 3:28 PM IST